नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार है, जिसे भारतीय समाज में पवित्र संस्था का दर्जा हासिल है। यह नाचने गाने का आयोजन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा, हिंदू विवाह को वैध बनाने के लिए इसे उचित संस्कारों व रीतियों के साथ किया जाना चाहिए। विवाह से जुड़ी रीतियों का निष्ठापूर्वक पालन होना चाहिए।