इस्लामाबाद । पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में महंगाई को लेकर प्रदर्शन जारी है। बिजली बिल, टैक्स और आटे की कीमतों में भारी वृद्धि के लेकर स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लगातार चौथे दिन भी क्षेत्र में हड़ताल जारी रहा। इस बीच मुजफ्फराबाद में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने ब्रिटेन के ब्रैडफोर्ड में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को झड़प में तीन लोगों की मौत, जबकि छह घायल हो गए।
जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) क्षेत्र में बिजली के प्रावधान, गेहूं के आटे पर सब्सिडी समेत अन्य विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग कर रही है। पुलिस ने रातभर इलाके की छापेमारी की, इस दौरान कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। मुजफ्फराबाद, दादियाल, मीरपुर और पीओके के अन्य हिस्सों में कानून प्रवर्तन और प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए।
पीओके में जारी है प्रदर्शन
पीओके में जारी प्रदर्शन के बीच राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद आयूब मिर्जा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने क्षेत्र की स्थिति पर बात करते हुए कहा, "मौजूदा समय में मुज्जफराबाद की स्थिति बहुत गंभीर है। आज सुबह लगभग 500,000 लोग मुजफ्फराबाद और उपनगरों में बिजली बिल में टैक्स, सब्सिडी में कटौती के विरोध में और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, विधान सभा के सदस्यों के भत्तों और विशेषाधिकारों को समाप्त करने की मांग को लेकर सकड़ों पर उतरे हैं। अचानक प्रदर्शनकारियों ने पलटवार किया और रेंजर्स पीछे हट गए। ऐसा लग रहा था कि रेंजर्स वापस चले गए, लेकिन थोड़ी देर बार वे बड़ी संख्या में पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं की कीमतों में प्रति माह लगभग 600-700 रुपये की कमी की गई है।"
अमजब आयूब ने आगे कहा, "मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा को बंद कर दी गई है। मुज्जफराबाद में सेना के जवान हेलीकॉप्टर से उतर रहे हैं। प्रत्येक हेलीकॉप्टर में 20-25 जवान हैं। हम एक निराशाजनक स्थिति में हैं। हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे विदेश मंत्रालय को पाकिस्तानी राजदूत को तलब करने और स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दे। ये पीओके में दिनदहाड़े होने वाली हत्या है। हमारी जिंदगी खतरे में है।"
बता दें कि तनाव को शांत करने के प्रयास में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सभी से संयम बरतने और आपसी परामर्श से मुद्दों को हल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की मांगों को नियम के अनुसार संबोधित किया जाना चाहिए।