मेरा ख़याल जो तेरा ख़याल हो जाये
तो खत्म तेरा मेरा हर सवाल हो जाये
मिलें हो काश हमारे तुम्हारे दिल ऐसे
सितम हो तुझ पे मेरी आँख लाल हो जाये
किसी अमीर की खुशियों से ऐतराज़ नहीं
ख़ुशी ग़रीब की भी तो बहाल हो जाये
किसी के चाँद न सूरज की ज़रूरत है मुझे
मेरे चराग़ की बस देखभाल हो जाये
खुदा के वास्ते इतना भी तुम करम न करो
मैं बेकमाल रहूँ और कमाल हो जाए
रहेंगे चुप ये वादा कर लिया है
कि तुमने हक़ का सौदा कर लिया है
युगों से ज़ुल्म सहते आ रहे हो
ये कैसा शौक पैदा कर लिया है
वो बागी ही सही अच्छा है, जिसने
बगावत का इरादा कर लिया ही
अब अपने सब्र को आराम दे दो
सफ़र हद से ज़ियादा कर लिया है
हमें अपनी कमी दिखती नहीं है
कि हमने खुद से परदा कर लिया है