नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में वैश्विक व्यवस्था में एक 'पुनर्संतुलन' देखा गया है। जैसे-जैसे हम विकसित भारत की ओर आगे बढ़ेंगे, मतभेदों और विवादों में सामंजस्य, मध्यस्थता और समाधान की आवश्यकता और भी अधिक होगी। उन्होंने कहा कि भारत के मध्यस्थता स्थल के रूप में उभरने की दिशा में यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।