नई दिल्ली । आने वाले दिनों में किसी रोग को पकड़ने के लिए 50 जांच करवाने की जरूरत नहीं रहेगी। इनकी पहचान पांच जांच में ही हो सकेगी। ऐसा होने पर मरीज के साथ प्रयोगशाला में काम कर रहे डॉक्टरों का समय बचेगा। साथ ही मरीज के इलाज में तेजी आएगी। एम्स में हजारों खून के सैंपल की जांच के दौरान ऑटोमेशन में लाखों टेस्ट का डेटा तैयार होता है।