कानपुर। कानपुर के दादानगर में रेलवे पटरी के किनारे खड़ीं बड़ी-बड़ी झाड़ियों में सोमवार दोपहर भीषण आग लग गई। चारों पटरियां लपटों से घिर गईं, तो दिल्ली-हावड़ा रूट ठप हो गया। करीब 55 मिनट तक ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही। आधा दर्जन से अधिक यात्री गाड़ियों के अलावा मालगाड़ियों को सेंट्रल स्टेशन के आउटर और जूही यार्ड के पास रोक दिया गया।
कुछ देर के लिए आग हल्की हुई, तो एक ट्रेन वहां से गुजारी गई। इसी बीच हवा चलने से आग फिर से भड़क उठी। ट्रेन लपटों के नजदीक से गुजरी तो यात्रियों में हड़कंप मच गया। फायरब्रिगेड, आरपीएफ, आर्डनेंस फैक्ट्री समेत कई इकाइयों के कर्मचारियों ने करीब एक घंटे बाद आग पर काबू पाया। आरपीएफ और रेलवे ने आग लगने की जांच शुरू कर दी है।
दादानगर पुल और रफाका नाले के बीच ट्रैक किनारे झाड़ियों में दोपहर करीब 2:50 बजे अज्ञात कारणों से आग लग गई। देखते ही देखते इसने विकराल रूप ले लिया। रेलवे के ट्रैकमैन ने कंट्रोल रूम को आग की सूचना दी। इस पर सेंट्रल से दिल्ली जाने वाली आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों को सेंट्रल स्टेशन के आउटर और जूही यार्ड के पास रोका गया।
मालगाड़ियों का जीएमसी के पास रोका गया
इसमें जोधपुर हावड़ा, नार्थ ईस्ट, नेताजी एक्सप्रेस, अजमेर सियालदह, मुरी एक्सप्रेस आदि शामिल हैं। कुछ मालगाड़ियों का जीएमसी के पास रोका गया। वहीं, दिल्ली की ओर से आने वाली कुछ ट्रेनों को पनकी धाम स्टेशन से पहले रोका गया। सूचना के कुछ ही देर बाद फायरब्रिगेड की कई गाड़ियां, आरपीएफ इंस्पेक्टर सत्येंद्र यादव और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
करीब 55 मिनट की देरी से ट्रेनें रवाना हुईं
आरपीएफ इंस्पेक्टर सत्येंद्र यादव ने बताया कि आग रेलवे के खंभा नंबर 1023-12ए के पास झाड़ियों में लगी थी। करीब एक घंटे बाद बुझा ली गई। किसी तरह की कोई अनहोनी नहीं हुई है। सेंट्रल स्टेशन के अधीक्षक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि आधा दर्जन ट्रेनों को एहतियातन आउटर पर रुकवाया गया। करीब 55 मिनट की देरी से ट्रेनें रवाना हुईं।
नाली के पानी और लाठी-डंडों से बुझाई आग
फायरब्रिगेड, आरपीएफ, रेलवे कर्मियों के साथ ही स्थानीय लोगों और फैक्ट्री कर्मियों ने भी तत्परता दिखाई। आग काफी बड़े क्षेत्र को चपेट में ले सकती थी। दादानगर क्षेत्र में कई औद्योगिक इकाइयां हैं, जिसको देखते हुए लोगों को जो भी संसाधन मिले, उनसे बुझाने लगे। लाठी-डंडे और नाली के पानी का उपयोग किया। हवा की वजह से आग करीब ढाई सौ मीटर तक पहुंच गई थी।
आग देखने के लिए खड़े हो गए लोग, दादानगर पुल एक घंटे जाम
ट्रैक के किनारे झाड़ियों में लगी आग और धुएं के गुबार को देख लोग दादानगर पुल पर रुकते चले गए। राहगीरों के बीच ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई। इससे पुल पर वाहनों और लोगों का जमावड़ा लग गया। इसके चलते पुल लंबा जाम लग गया। इस बीच कुछ वाहन सवारों ने उल्टी दिशा में बढ़ने का प्रयास किया।
एक घंटे के बाद सुचारू हो सका ट्रैफिक
इससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। जाम की सूचना पर पुलिस और ट्रैफिक स्टाफ मौके पर पहुंचा। सबसे पहले शास्त्रीचौक से दादानगर पुल की ओर आने वाले वाहनों को चावला मार्केट की ओर डायवर्ट कराया। इसके बाद पुल पर फंसे वाहनों को धीरे-धीरे निकलवाया। करीब एक घंटे के बाद ट्रैफिक सुचारू हो सका।
ट्रैक से पांच मीटर तक काटी जाती हैं झाड़ियां
उत्तर मध्य रेलवे के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि प्रयागराज मंडल में झाड़ियां काटने का काम जारी है। यह समय-समय पर होता है। रेलवे ट्रैक से पांच मीटर तक झाड़ी-झंखाड़ को हटाने का नियम है। दादानगर पुल के पास जिन झाड़ियों में आग लगी है, वे ट्रैक से पांच मीटर दूर हैं। यह घटना किसी शरारती तत्व ने की है।
दिल्ली-हावड़ा ट्रैक के किनारे झाड़ियों में आग लगने की वजह से एहतियातन ट्रेनों को आउटर पर रोका गया। झाड़ियों को हटवाने का काम लगातार होता रहता है। आग लगने की घटना की आरपीएफ से जांच कराई जा रही है।