नई दिल्ली । दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर पांच हजार शिक्षकों के तबादले रुकने को शिक्षा मंत्री ने दिल्लीवालों की जीत बताया है। सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि सुबह शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी।
इन शिक्षकों की मदद से पिछले 10 सालों में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हुए हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जेईई और नीट की परीक्षा पास कर रहे हैं। यह सभी इन शिक्षकों की कड़ी मेहनत के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसा काम भाजपा शासित किसी राज्य में नहीं हो रहा। भाजपा शासित गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश इन सभी राज्यों में सरकारी स्कूल जर्जर अवस्था में हैं, कोई भी इन स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहता। वहीं केजरीवाल सरकार की 10 साल की मेहनत से दिल्ली में सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर साबित हो रहे हैं।
भाजपा कर रही षड्यंत्र
मंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार को ठप करने के लिए भाजपा षड्यंत्र रच रही है। 11 जून को शिक्षा निदेशालय द्वारा एक ऑर्डर निकाला जाता है। इसमें कहा जाता है कि जो भी शिक्षक एक ही स्कूल में 10 सालों से पढ़ा रहा है तो उसका अनिवार्य रूप से स्थानांतरण होगा। ऐसा दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के इतिहास में कभी नहीं हुआ। 28 जून को शिक्षा मंत्री इस बाबत शिक्षा निदेशक को इस ऑर्डर को वापस लेने का निर्देश देती हैं। बावजूद इसके एक जुलाई को शिक्षा निदेशक को लिखित रूप से ये आदेश दिया जाता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब तक आप की सरकार है। किसी भी शिक्षक के साथ गलत नहीं होगा।
दिल्ली में नहीं रुकेंगे विकास के काम : दिलीप
शिक्षकों के तबादले के मामले में आप विधायक दिलीप पांडे से भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का कोई भी काम कभी नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का संघर्ष सफल रहा। सरकार के विरोध के कारण ही शिक्षकों का तबादला रुक सका। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने शिक्षा मंत्री आतिशी के निर्देशों के खिलाफ जाकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 5006 शिक्षकों का तबादला कर दिया था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल को खत्म करने के लिए एलजी से शिक्षकों का ट्रांसफर कराया, जबकि उसके शासित राज्यों में स्कूलों का बुरा हाल है।