नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर अस्पताल के बाल चिकित्सा शल्य चिकित्सा विभाग के डॉक्टर डॉ. आयुष खाती ने बताया कि ऐसे मामलों में तुरंत बच्चों की सर्जरी की जाती है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओपीडी में रोजाना 100 के करीब मरीज आते हैं।
इनमें से करीब 25 बच्चों को सर्जरी के लिए भर्ती करना पड़ता है।
घर में सफाई के लिए लाया गया तेजाब व टॉयलेट क्लीनर बच्चों की आंतें गला रहा है। खेल-खेल में बच्चे अक्सर इन्हें पी लेते हैं। लोक नायक अस्पताल में हर माह ऐसे बच्चे आते हैं। इनकी तुरंत सर्जरी करनी पड़ती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मरीजों से बातचीत के दौरान यह पाया गया कि अक्सर माता-पिता बच्चों पर ध्यान नहीं देते। छोटी उम्र के बच्चे अक्सर हाथ में आई हर वस्तु को मुंह में डालते हैं।
ऐसे में बिना सावधानी से रखे तेजाब व टॉयलेट क्लीनर को भी बच्चे पी लेते हैं। ऐसी दुर्घटनाओं में बच्चों की फूड पाइप के साथ आंत तक गल जाती है। लोक नायक अस्पताल में हर माह ऐसे करीब दो बच्चे पहुंच रहे हैं। इसमें ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश से आते हैं।
अस्पताल में रोजाना पांच से 10 मरीजों की सर्जरी होती हैं। इसमें तेजाब के कारण आंत गलने सहित दूसरे मामले होते हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों में बच्चे की आंत से ही फूड पाइप को फिर से बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सर्जरी में सुधार हो रहा है। पहले की तरह मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं रहती। दूरबीन सहित दूसरे माध्यम से होने वाली सटीक सर्जरी में मरीज की रिकवरी भी तेज होती है।
बंद होता है पेशाब का रास्ता
विभाग में आने वाले काफी बच्चे ऐसे होते हैं जिनके पेशाब व शौच का रास्ता बंद होता है। सर्जरी की मदद से यह रास्ते बनाए जाते हैं और बच्चों के लिंग को ठीक किया जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि पेशाब का रास्ता बंद होने के कारण किडनी खराब हो सकती है। इसके अलावा बच्चों में पथरी की शिकायत भी देखी गई है। इन्हें भी सर्जरी से दूर किया जाता है। इसके अलावा विभाग में कई अन्य तरह की सर्जरी होती है।
शोध से सर्जरी में सुधार ला रहा विभाग
सर्जरी की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभाग लगातार शोध को बढ़ावा दे रहा है। रविवार को लोक नायक अस्पताल में 17वीं बाल चिकित्सा शल्य चिकित्सा अपडेट 2025 का आयोजन हुआ। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने प्रक्षिप्त व्याख्यान, केस चर्चाएं और वीडियो डेमोंस्ट्रेशन दिए। इसमें 300 से अधिक प्रतिनिधि और वक्ता ने भाग लिया। विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सिम्मी के रतन ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम की मदद से सर्जरी में सुधार होता है। इसका सीधा फायदा बच्चों को होता है। उनकी सर्जरी में सुधार आता है। कार्यक्रम के दौरान मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पूनम नारंग, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार सहित अन्य उपस्थिति रहे।