नई दिल्ली । आपूर्ति संबंधी दिक्कतों की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 88 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गईं। यह अक्तूबर, 2023 के बाद इसका छह महीने का उच्च स्तर है। रूस की तेल इकाइयों पर यूक्रेन के हमलों व मध्य पूर्व देशों में बढ़ रहे संघर्षों के कारण तेल की कीमतों में तेजी बनी हुई है। इससे मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतें 1.29 डॉलर बढ़कर 88.71 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं।
डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 1.30 डॉलर बढ़कर 85.01 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया।
दरअसल, यूक्रेन ने मंगलवार को रूस की सबसे बड़ी रिफाइनरियों में से एक पर ड्रोन से हमला किया। हालांकि, इस हमले से रिफाइनरी की प्राथमिक तेल शोधन इकाई प्रभावित हुई है। प्रभावित इकाई संयंत्र की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता 3.40 लाख बैरल प्रतिदिन का आधा हिस्सा है। शीर्ष तीन वैश्विक तेल उत्पादकों के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक रूस तेल रिफाइनरियों पर यूक्रेनी हमलों से जूझ रहा है। इसके जवाब में उसने यूक्रेनी ऊर्जा इन्फ्रा ढांचे पर हमले बढ़ा दिए हैं।
88.71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचा ब्रेंट क्रूड, 1.29 डॉलर की तेजी
ओपेक सदस्य दूसरी तिमाही के अंत तक 22 लाख बैरल प्रतिदिन की वर्तमान स्वैच्छिक उत्पादन कटौती को बनाए रख सकते हैं। ओपेक के तेल उत्पादन में पिछले महीने 50,000 बैरल प्रतिदिन की गिरावट देखने को मिली थी। इससे स्वैच्छिक कटौती का कुछ प्रभाव पड़ता दिख रहा है।
आगे भी कीमतों में उछाल की आशंका
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा, वह सीरिया की राजधानी दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास के खिलाफ संदिग्ध इस्रायली हवाई हमले के लिए जवाबी कार्रवाई करेगा। इस्रायल गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध में है। इससे भी तेल की कीमतों में आगे उछाल आने की आशंका है।

