मुंबई। इस बीच अबू ने अपनी टिप्पणी पर सफाई दी। उन्होंने लिखा, 'मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है।
मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है, लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।
मुंबई पुलिस ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी के खिलाफ मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ करने वाली टिप्पणी के मामले की जांच शुरू कर दी है। लोकसभा में शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के की शिकायत पर पड़ोसी ठाणे में पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रयास के आरोप में आजमी के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की। इस बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर आजमी पर निशाना साधा और उन्हें देशद्रोही करार दिया। एक अधिकारी ने बताया कि ठाणे पुलिस ने बाद में एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित कर दिया, जहां मंगलवार को मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया।
इससे पहले शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने सपा विधायक अबू आजमी के खिलाफ वागले के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। उन्होंने एस्टेट पुलिस स्टेशन में बीएनएस धारा 299, 302, 356 (1) और 356 (2) के तहत मामला दर्ज कराया है। नरेश म्हास्के ने आरोप लगाया है कि मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने वाली अबू आजमी की टिप्पणी से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
सांसद म्हास्के ने कहा, 'अबू आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए। उन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। औरंगजेब जिसने हजारों हिंदू मंदिरों को नष्ट किया, महिलाओं पर अत्याचार किया, छत्रपति संभाजी महाराज को बेरहमी से प्रताड़ित किया, वह देश के खिलाफ था, उसने हमारे देश को लूटा। हमारे नेता एकनाथ शिंदे ने मांग की है कि उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। हम उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करा रहे हैं।'
इस बीच अबू ने अपनी टिप्पणी पर सफाई दी। उन्होंने लिखा, 'मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है, लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं। इस बात को राजनितिक मुद्दा बनाया जा रहा है और इसकी वजह से महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र को बंद करना मैं समझता हूं कि यह महाराष्ट्र की जनता का नुक्सान करना है।'
महायुति ने आजमी को विधानसभा से निलंबित करने की मांग की
सत्तारूढ़ महायुति के सदस्यों ने मंगलवार को अबू आसिम आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने की मांग की। इस मुद्दे पर हंगामा होने के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों ने दावा किया कि आजमी औरंगजेब के वंशज हैं, जिसने मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित किया और उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। अतुल भटकलकर (भाजपा) ने मांग की कि आजमी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए और उन्हें बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित किया जाए। शिवसेना के मंत्री गुलाबराव पाटिल ने भी आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सुधीर मुनगंटीवार (भाजपा) ने मांग की कि औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त किया जाए। उद्योग मंत्री उदय सामंत (शिवसेना) ने मांग दोहराई कि आजमी को सदन से निलंबित किया जाए और उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।
अबू आजमी ने औरंगजेब को बताया था 'महान प्रशासक'
आजमी ने मुंबई में मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'सारा गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए...औरंगजेब क्रूर नहीं था।' एक समाचार चैनल के साथ इंटरव्यू में सपा नेता ने कहा था, 'मैंने औरंगजेब के बारे में जितना पढ़ा है, उसने कभी भी जनता का पैसा अपने लिए नहीं लिया, उसका शासन बर्मा (वर्तमान म्यांमार) तक फैला हुआ था, उस समय देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था।' उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि वह एक महान प्रशासक थे, उसकी सेना में कई हिंदू कमांडर थे।
शिंदे ने की थी राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और विधायक अबू आजमी के औरंगजेब के बारे में दिए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। शिंदे ने कहा था कि अबू आजमी का बयान गलत है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक यातनाएं दी थीं। ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना सबसे बड़ा पाप है और इसलिए आजमी को माफी मांगनी चाहिए। हमारे मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
कहां से शुरू हुआ विवाद?
यह ताजा विवाद मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े बेटे छत्रपति संभाजी महाराज पर केंद्रित एक बॉलीवुड फिल्म छावा से पैदा हुआ है। इस फिल्म का निर्देशन लक्ष्मण उतेरकर ने किया है। इसमें संभाजी के जीवन, राज्याभिषेक और मुगल साम्राज्य, खासकर औरंगजेब के खिलाफ संघर्ष को दिखाया गया है। विकी कौशल ने फिल्म में संभाजी की भूमिका निभाई है, जबकि रश्मि मंदाना ने उनकी पत्नी येसुबाई भोंसले की भूमिका निभाई है। फिल्म में अक्षय खन्ना ने औरंगजेब की भूमिका निभाई है।
पहले भी औरंगजेब का समर्थन कर चुके आजमी
अबू आजमी ने पहली बार औरंगजेब का समर्थन नहीं किया है, बल्कि पहले भी वह उनकी प्रशंसा करते रहे हैं। साल 2023 में उन्होंने ऐसा ही बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी। उस समय में मुंबई के कोलाबा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा: आजमी
वहीं, अपने बयान को लेकर विवादों में घिरने बाद आजमी ने कहा, उस समय राजा सत्ता और संपत्ति के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन यह संघर्ष धार्मिक नहीं था। उसने (औरंगजेब ने) 52 साल तक शासन किया और अगर वह वाकई हिंदुओं को मुसलमान बना रहा था तो कल्पना कीजिए कि कितने हिंदुओं ने धर्म परिवर्तन किया होगा। अगर औरंगजेब रहमतुल्लाह ने मंदिर तोड़े थे तो उसने मस्जिदें भी तोड़ी थीं। अगर वह हिंदुओं के खिलाफ होता तो 34 फीसदी हिंदू उसके साथ नहीं होते और उसके सलाहकार हिंदू नहीं होते। इसे हिंदू-मुस्लिम कोण (एंगल) देने की कोई जरूरत नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है।