अर्ज किया है...
जिन्दगी कुछ तो मशवरा दे दे
धुंध ही धुंध है शुआ दे दे। (1)
थक गया हूँ चला नहीं जाता
अब मुझे कुछ तो हौंसला दे दे। (2)
नाज से जी सकूँ उसूलों पर
सिर्फ इतनी खुली हवा दे दे। (3)
चल रहा हूँ लकीर से हटकर
मैं गलत हूँ अगर सजा दे दे। (4)
अब किसी गैर से गिला क्या है
जब सगा खून ही दगा दे दे। (5)