समाचार। यूएन मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुए कथित अपराधों की जांच में पाया है कि पूर्व सरकार की सुरक्षा और खुफिया सेवाओं और आवामी लीग पार्टी के सहयोगियों द्वारा दमन में हजारों लोग घायल भी हुए थे।
उनमें में एक युवा भी शामिल था, जिसे कथित रूप में पत्थर फेंकने की वजह से हाथ में गोली मार दी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने कहा है कि पिछले साल बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हुए जिन सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दमन ने लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया था। उस क्रूरता के कारण केवल 46 दिनों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए थे। इनमें अधिकतर लोग सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए थे।
यूएन मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुए कथित अपराधों की जांच में पाया है कि पूर्व सरकार की सुरक्षा और खुफिया सेवाओं और आवामी लीग पार्टी के सहयोगियों द्वारा दमन में हजारों लोग घायल भी हुए थे। उनमें में एक युवा भी शामिल था, जिसे कथित रूप में पत्थर फेंकने की वजह से हाथ में गोली मार दी गई थी।
मानवाधिकार उच्चायुक्त ने बुधवार को कहा है कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि पूर्व सरकार के अधिकारियों, उसके सुरक्षा और खुफिया तंत्र ने पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हिंसक तत्वों की मिलीभगत से गम्भीर और व्यवस्थित मानवाधिकार उल्लंघन किए हैं। मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने जिनीवा में कहा कि जांच रिपोर्ट में वर्णित कुछ सबसे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के मामले, अंतरराष्ट्रीय अपराध की श्रेणी में रखे जा सकते हैं, जिनकी सुनवाई अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा की जा सकती है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश रोम संविधि का एक देश पक्ष है। इस संविधि के तहत ही हेग स्थित में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का गठन हुआ था। ICC की बुनियाद रोम संविधि इस न्यायालय को जनसंहार, मानवता के विरुद्ध अपराध, युद्धापराध और आक्रामकता के अपराध पर अधिकार क्षेत्र देता है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध के खिलाफ कथित अपराधों में सैकड़ों न्यायेतर हत्याएं, व्यापक मनमानी गिरफ्तारियां, हिरासत व यातना और बच्चों सहित लोगों के साथ दुर्व्यवहार, साथ ही लिंग आधारित हिंसा के मामले शामिल हैं।
सत्ता पर मजबूत पकड़
इसके अलावा ये मानवाधिकार उल्लंघन पूर्व राजनैतिक नेतृत्व और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों की जानकारी, समन्वय और निर्देश के साथ किए गए थे, जिसका एक विशिष्ट लक्ष्य, विरोध प्रदर्शनों को दबाना और सत्ता पर पूर्व सरकार की पकड़ बनाए रखना था। मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए लोगों में 12 से 13 प्रतिशत बच्चे थे। बांग्लादेश पुलिस ने यह भी बताया कि 1 जुलाई से 15 अगस्त 2024 के बीच, उसके 44 अधिकारी भी मारे गए।
वर्ष 2024 की गर्मियों में हुए विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री शेख हसीना को 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद पद छोड़ना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्रके मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि वो विरोध प्रदर्शन, सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार पदों में आरक्षण कोटा प्रणाली को बहाल करने के उच्च न्यायालय के फैसले से शुरू हुए थे। यह आरक्षण बेहद अलोकप्रिय साबित हुए, लेकिन व्यापक शिकायतें पहले से ही व्याप्त थीं, जो विनाशकारी और भ्रष्ट राजनीति व शासन से उत्पन्न हुई थीं, जिसने बड़े पैमाने पर असमानताओं को बढ़ा दिया था।
वोल्कर टर्क ने सितंबर (2024) में राजधानी ढाका की अपनी यात्रा को याद करते हुए जेनेवा में पत्रकारों से कहा, 'मैंने जब बांग्लादेश की यात्रा की थी, तो मैं एक अस्पताल में गया था और मैं कुछ जीवित बचे हुए लोगों से बात कर पाया था। उनमें से कुछ लोग जीवन भर के लिए विकलांग हो जाएंगे। विशेष रूप से युवा लोग… उनमें से कुछ बच्चे थे।'
सरकार की मिलीभगत से हत्याएं
वोल्कर टर्क ने कहा, 'यह क्रूर दमन, पूर्व सरकार द्वारा व्यापक विरोध के बावजूद सत्ता पर अपना कब्जा बनाए रखने की एक सुनियोजित और सुसंगठित रणनीति थी। हमने जो साक्ष्य और गवाहियां एकत्र की हैं, वे व्यापक सरकारी हिंसा और लक्षित हत्याओं की एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती हैं, जो मानवाधिकारों के सबसे गम्भीर उल्लंघनों में से हैं और जो अंतरराष्ट्रीय अपराध भी हो सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जख्मों पर मरहम लगाए जाने और देश के भविष्य के लिए जवाबदेही और न्याय सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के जांच मिशन ने 16 सितंबर 2024 को एक टीम के साथ बांग्लादेश में काम करना शुरू किया, जिसमें एक फोरेंसिक चिकित्सक, एक हथियार विशेषज्ञ, एक लिंग विशेषज्ञ और एक विश्लेषक शामिल थे। जांचकर्ताओं ने विश्वविद्यालयों और अस्पतालों सहित विरोध स्थलों का दौरा किया। इस टीम ने अपनी जांच में 900 से अधिक गवाहों की गवाही को शामिल किया है।