नई दिल्ली। पंजाब में किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं। किसानों की मांग है कि सरकार और किसानों के बीच एक समिति गठित की जाए जो समय-समय पर किसानों और सरकार के बीच समन्वय का काम करे।
पंजाब में भगवंत मान सरकार ने कई किसान नेताओं को उनके घरों पर हाउस अरेस्ट कर दिया है। कथित तौर पर यह गिरफ्तारी किसानों के द्वारा पांच मार्च से प्रस्तावित धरने को रोकने के लिए की गई है। किसानों पर यह कार्रवाई एक दिन पहले सोमवार को किसान नेताओं और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच बातचीत के असफल होने के बाद की गई है। कांग्रेस ने भगवंत मान सरकार की इस कार्रवाई को किसानों के हितों के विरुद्ध बताया है।
क्या है पूरा मामला?
पंजाब में किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं। किसानों की मांग है कि सरकार और किसानों के बीच एक समिति गठित की जाए जो समय-समय पर किसानों और सरकार के बीच समन्वय का काम करे। पुराने बिजली बिल की माफी, प्रीपेड बिजली मीटर लगाने, कर्जमाफी, फसलों के लिए उचित बीमा पॉलिसी लाना, सहकारी समितियों पर नए खाते खोलने की अनुमति देना और कई अन्य मांगों को लेकर किसान नेता लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने इन मांगों को पूरा करने के लिए पांच मार्च को राज्य स्तरीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस धरने को संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) के लगभग 40 संगठनों का समर्थन प्राप्त था।
इस धरने के पहले सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि मान सरकार किसानों की बड़ी मांगों को स्वीकार करने का पहले ही आश्वासन दे चुकी है। लेकिन सरकार और किसानों के बीच कुछ मुद्दों पर अभी भी असहमति बनी हुई है। किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री बातचीत को बीच में ही छोड़कर चले गए।
कांग्रेस ने किया हमला
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस ने किसानों पर हुई कार्रवाई की निंदा की है। अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष अखिलेश शुक्ला ने कहा कि 5 मार्च को किसानों के मोर्चा को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर पुलिस किसानों का दमन कर रही है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि केजरीवाल की नीति ही किसान विरोधी है। आम आदमी पार्टी की नीति भी केंद्र सरकार की तरह किसान विरोधी है।
अखिल भारतीय किसान के नेशनल कोऑर्डिनेटर और प्रवक्ता प्रबल प्रताप शाही ने कहा कि मान सरकार को यह बताना चाहिए कि पिछले तीन सालों में उसने किसानों के हित में क्या कदम उठाए हैं। इसी तरह दिल्ली में केजरीवाल-आतिशी सरकार ने भी लगभग 12 सालों में किसानों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्र और पंजाब दोनों सरकारें किसानों के साथ अन्याय कर रही हैं। किसान कांग्रेस ने मांग की है कि पंजाब सरकार तुरंत अपनी कार्रवाई रोके और किसानों को आजाद करे।