सोना लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। इस साल जनवरी से अब तक इसकी कीमतों में 14.75 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। एक जनवरी, 2024 को सोना 63,920 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, जबकि 12 अप्रैल को यह 73,350 रुपये के सार्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। निवेश के लिहाज से सुरक्षित सोना पिछले चार कारोबारी सत्रों में 1,700 रुपये महंगा हो चुका है।
केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया ने बताया, वैश्विक हालात को देखते हुए सोने में तेजी बने रहने की उम्मीद है। यह इस साल 20 फीसदी से अधिक रिटर्न दे सकता है। हालांकि, जोखिम भी बना हुआ है। 2023-24 में सोने ने 18 फीसदी रिटर्न दिया था।
छू सकता है 80,000 का स्तर
केडिया का कहना है कि युद्ध के दौरान सोने में हमेशा तेजी आती है। रूस-यूक्रेन और इस्राइल-हमास के बाद अब ईरान-इस्राइल के बीच तनाव का माहौल है।
अगर इस युद्ध में मिडिल ईस्ट के देश पूरी तरह शामिल होते हैं और तनाव लंबी अवधि तक जारी रहता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना इस साल के अंत तक 2,700 डॉलर प्रति औंस पहुंच सकता है, जबकि घरेलू बाजार में यह 80,000 का स्तर छू सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना इस समय 2,388 डॉलर प्रति औंस के करीब है।
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इसलिए बढ़ रही चमक
जनवरी, 2024 से अब तक सोने में तेजी की कई वजहें हैं। दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने जनवरी-फरवरी में 64 टन सोने की खरीदारी की। चीन ने फरवरी में अपना स्वर्ण भंडार 12 टन बढ़ाया है। आरबीआई ने जनवरी में 8.7 टन सोने की खरीदारी की, जो दो साल में सर्वाधिक है। बड़े निवेशकों ने भी भारी-भरकम खरीदारी की है। वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल में तेजी और ब्याज दरों में कटौती की संभावना को देखते हुए भी सोने को समर्थन मिला है।
आगे क्या...इंतजार बेहतर विकल्प
केडिया ने कहा, निवेश करना तभी अच्छा होता है, जब बाजारों में शांति बनी रही। इस समय जोखिम का माहौल है। सोने ने अब तक जो तेजी दिखाई है, उसका सामान्य स्थितियों में लंबी अवधि तक बने रहना मुश्किल है। इसलिए, अभी इंतजार करना बेहतर विकल्प होगा।
पोर्टफोलियो का पांच फीसदी ही सोने में लगाएं
सोने की कीमतों में अभी गिरावट का रुख नहीं दिख रहा है। ऐसे में लंबी अवधि के लिए इसमें निवेश कर सकते हैं। ध्यान रखें कि फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ की जगह सॉवरेन गोल्ड में पैसा डालें। इसमें रिटर्न के साथ ब्याज भी मिलता है। मौजूदा तेजी और आगे जोखिम को देखते हुए बतौर निवेशक अपने पोर्टफोलियो का पांच फीसदी ही सोना खरीदें।