नई दिल्ली। पुलिस की अपराध शाखा ने गाजियाबाद के मात्र 10वीं पास ऐसे जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने जयपुर पुलिस की वेबसाइट को हैक कर लिया था। साइट हैक करने के बाद आरोपी जयपुर पुलिस के नाम से बैंकों को मेल भेजकर लोगों के विवादित बैंक खातों को फ्रीज करवा देता था। इसके बदले मोटी रकम ऐंठ लेता था।
आरोपी पुलिस के नाम से टेलीकॉल कंपनियों को मेल भेजकर सीडीआर निकलवाता था। इस सीडीआर को ये जासूसी कंपनियों को देकर मोटी रकम लेता था। जयपुर पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था। दिल्ली, मुंबई, ठाणे और हैदराबाद पुलिस अवैध हैकिंग और सीडीआर लेने के आरोप में इसे पहले गिरफ्तार कर चुकी हैं।
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के अनुसार, सोहैब शरीफ खान नाम के एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम, राजस्थान पुलिस को छह मार्च 24 को सूचित किया कि आईसीआईसीआई बैंक में उसका बैंक खाता राजस्थान पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट से मेल भेजकर फ्रीज कर दिया गया है। पता चला कि उक्त ईमेल आईडी में ढेर सारे जंक मेल, स्पैम मेल और डिलीट किये गये मेल हैं. ऐसे कई ईमेल पाए गए, जिनमें किसी अज्ञात व्यक्ति ने अनधिकृत तरीके से उक्त ई-मेल आईडी तक पहुंच बनाई और बैंक खातों के धारकों के बारे में निजी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, बैंक खातों के लेनदेन विवरण और उनके आईपी लॉग लिए।
इसके बाद बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए राजस्थान पुलिस के नाम से विभिन्न बैंकों को ई-मेल भेजे। उसने मेल भेजकर जासूसी कंपनियों के लिए लोगों के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई। जांच में ये भी पता लगा कि आरोपी ने सीडीआर के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर खरीदा। उसने 15 दिन पहले भी एक व्यक्ति की सीडीआर निकलवाई थी। इसके अलावा, उसने सीडीआर विश्लेषण सॉफ्टवेयर, बैंकों में काम करने वाले कर्मियों और अन्य संवेदनशील जानकारी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वेबसाइट तक अनधिकृत पहुंच का उपयोग किया। पता लगा कि ईमेल आईडी राजस्थान पुलिस क्राइम ब्रांच की है। इसे सिंगापुर में वीपीएन के माध्यम से एक्सेस किया गया था।
उन्होंने विभिन्न पुलिस अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर और मुहर का भी उपयोग किया था। राजस्थान पुलिस ने मामला दर्जकर अपराध में शामिल कुछ आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मगर गिरोह का रैकेट का मास्टरमाइंड सौरभ साहू है। राजस्थान पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था।
फिल्म अभिनेताओं की सीडीआर निकाल चुका है
मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को भांपते हुए राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने आरोपी व्यक्ति का पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस का सहयोग मांगा। एसीपी उमेश बर्थवाल व इंस्पेक्टर राकेश कुमार की देखरेख में एसआई एसआई अमित ग्रेवाल, अनुज और नरेंद्र गोदारा, एएसआई रविंदर, विकास कुमार और किरपाल व हवलदार राहुल, रविंदर व दिनेश की टीम को आरोपी को पकडऩे में लगाया गया। जांच में पता लगा कि आरोपी प्रमुख हस्तियों यानी फिल्म अभिनेताओं, राजनेताओं आदि की अवैध रूप से सीडीआर निकालने के मामले में पहले भी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद में गिरफ्तार किया जा चुका है।
10वीं पास है हैकर
गाजियाबाद, यूपी निवासी आरोपी सौरभ साहू 10वीं कक्षा तक पढ़ा है। उसका एक निजी पालतू पशु देखभाल व्यवसाय भी था। 2013 से 2015 तक, उसने अप्पिन इंडिया, पीतमपुरा में काम किया, जहां उसने कंप्यूटर प्रशिक्षण लिया। इसके बाद कंपनी के कुछ परिचितों से सीडीआर प्राप्त करने का तरीका सीखा।
जासूसी कंपनियों के लिए करता था काम
आरोपी ने कुछ जासूसी एजेंसियों के साथ सांठगांठ की, जिन्होंने कथित तौर पर कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) और अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने के लिए वेबसाइटों को हैक करने, बैंक खातों को फ्रीज करने में उसकी मदद की। इसके एवज में ये ग्राहकों से 15 हजार से 20 हजार रुपये वसूलता था।
दोस्त से मिलने आया तो पकड़ा गया
इंस्पेक्टर राकेश कुमार को जांच में पता लगा कि आरोपी अपने सारे ठिकाने छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर छिप गया था। वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य और करीबी व्यक्ति के संपर्क में नहीं है। टीम ने उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल और पुराने दोस्तों पर काम किया है। इसके बाद इंस्पेक्टर राकेश कुमार की टीम ने आरोपी को 18 अप्रैल को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह महिपालपुर, दिल्ली में अपने किसी पुराने करीबी मित्र से मिलने आया। आरोपी ने पुलिस पार्टी को देखकर भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन टीम ने उसे दबोच लिया।