नई दिल्ली। भारत सहित दुनियाभर में गेहूं का उत्पादन बढ़ेगा। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की ओर से वैश्विक स्तर पर 2024 में गेहूं उत्पादन को लेकर जारी प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, घटती कीमतों और बुआई में गिरावट के बावजूद वैश्विक स्तर पर गेहूं का उत्पादन बढ़कर 79.7 करोड़ टन पर पहुंच सकता है। यह 2023 से एक फीसदी अधिक है। हालांकि, यह 2022 के रिकॉर्ड स्तर तक नहीं पहुंच पाएगा।
वहीं, गेहूं के उपयोग में 1.8 फीसदी की वृद्धि के साथ यह 79.3 करोड़ टन हो सकती है। एएफओ के अनुसार, अनुकूल मौसम के कारण रूस जैसे प्रमुख निर्यातक के साथ-साथ भारत, चीन, ईरान, पाकिस्तान और तुर्किये में भी गेहूं उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। भारत में गेहूं सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, अनुकूल मौसम और मुनाफे के कारण 2024 में बुआई में बढ़ोतरी हुई है।
यूरोपीय यूनियन में मामूली गिरावट का अनुमान
यूरोप में भारी बारिश के चलते सर्दियों में बोए जाने वाले गेहूं की बुआई में देरी हुई है। ऐसे में इस क्षेत्र के प्रमुख उत्पादक देशों जैसे फ्रांस और जर्मनी के कुल बोए गए गेहूं क्षेत्र में 2024 के दौरान मामूली गिरावट का अनुमान है। इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड में भी बुआई के समय आदर्श मौसम न होने की वजह से बुआई में कमी हुई है। इस वजह से गेहूं उत्पादन थोड़ा घट सकता है।
भारत के कारण वैश्विक स्तर पर चावल का इस्तेमाल भी बढ़ेगा
एएफओ के अनुसार, वैश्विक स्तर पर चावल का उपयोग भी 2023-24 में बढ़कर 52.4 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। यह पिछले अनुमान से 15 लाख टन अधिक है। इसकी सबसे बड़ी वजह 2022-23 के बाद भारत में चावल का बढ़ता उपयोग है।
यूक्रेन में बड़ी गिरावट, रूस में थोड़ी वृद्धि
यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण बुआई में भारी गिरावट हुई थी। यूक्रेन में गेहूं के उत्पादन में बड़ी गिरावट हो सकती है। रूस में संघर्ष का प्रभाव नहीं दिख रहा है। मौसम भी अनुकूल है। इसलिए रूस के गेहूं उत्पादन में 2024 के दौरान थोड़ी वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा चीन में उत्पादन बढ़कर 13.6 करोड़ टन से ज्यादा रहने की उम्मीद है। इसी तरह अनुकूल मौसम के कारण तुर्किये व ईरान में गेहूं का औसत उत्पादन होने का अनुमान है। दूसरी ओर उत्तरी अफ्रीका में लगातार दूसरे साल बारिश की भारी कमी के कारण अल्जीरिया और ट्यूनीशिया के साथ-साथ मोरक्को में भी पैदावार में गिरावट आने का अंदेशा है।
अनाज का उत्पादन भी बढ़ेगा
एफएओ ने अनाज उत्पादन के अपने पिछले पूर्वानुमान को थोड़ा बढ़ाकर 284 करोड़ टन कर दिया है। 23-24 की अवधि के लिए वैश्विक अनाज का उपयोग 282.3 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। यह पिछले साल की तुलना में 1.1 फीसदी (3.04 करोड़ टन) अधिक है।