दिल्ली । लोक गायिका शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना में किया जाएगा। प्रख्यात गायिका ने कल रात दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली थी। आज इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से उनकी देह को पटना ले जाया जा रहा है। भारतीय लोक संगीत जगत की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिससे लोक संगीत प्रेमियों और कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में जन्मी शारदा सिन्हा ने अपने मधुर गीतों से भारतीय लोक संगीत को नया आयाम और अद्वितीय पहचान दिलाई। उनकी गायिकी में न सिर्फ बिहार की, बल्कि पूरे भारत की लोक संस्कृति की महक बसी थी, जिसने श्रोताओं के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।
शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई हस्तियों ने शोक जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत शारदा सिन्हा की आवाज में रिकॉर्ड किए गए, जो पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
शारदा सिन्हा को मैथिली और भोजपुरी संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें लोक गायिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एक सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जाना जाता है। गायिकी के अलावा शारदा सिन्हा विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों में भी सक्रिय रहीं। लगभग पांच दशक लंबे संगीत करियर में अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। बिहार सरकार ने भी इन्हें सम्मानित किया।