आगरा । सैन्य परिवहन और आपदा राहत के लिए एयरफोर्स में 40 साल पहले एंटोनोव-32 यानी एएन-32 विमान शामिल हुए थे। भारतीय वायुसेना के आगरा एयरफोर्स स्टेशन को एएन-32 विमानों का बेस स्टेशन बनाया गया था। अब नई पीढ़ी के उन्नत स्पेन में निर्मित सी-295 विमान भारतीय वायु सेना का हिस्सा बन रहे हैं।
बृहस्पतिवार को एयरफोर्स के उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में सी-295 विमानों का बेड़ा आगरा एयरफोर्स स्टेशन में शामिल होगा।
सी-295 स्पेन में बना बेहद उन्नत विमान है। भारत 56 विमान खरीदेगा। 16 विमान स्पेन में बन रहे हैं, बाकी के 40 विमान टाटा के वडोदरा परिसर में तैयार किए जाएंगे। हर साल 12 विमानों का बेड़ा वायुसेना में शामिल होगा। इनका उपयोग सैन्य परिवहन, चिकित्सा निकासी, आपदा राहत, पैराड्रॉपिंग में किया जाएगा। विमान 71 पैराट्रूपर्स को एक साथ ले जा सकता है। इसके लिए तीन महीने पहले से ही पायलटों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था। उनको टेक्निकल शिफ्ट, पैराड्रॉपिंग, पैराट्रूपिंग, चिकित्सा निकासी, आपदा राहत के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
वर्ष 1984-85 में तत्कालीन सोवियत संघ के यूक्रेन से एंटोनोव-32 विमानों की खरीद की गई थी। यह विमान सैन्य परिवहन के लिए इस्तेमाल किए गए। भारतीय वायुसेना ने 125 विमानों की खरीद की थी, जिनमें से लगभग 100 ही अब सेवा में हैं। इन विमानों की खरीद के 40 साल बाद अब स्पेन के सेविले में निर्मित सी-295 विमानों का बेड़ा भारतीय वायुसेना में शामिल हो रहा है। मंगलवार को आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर समारोह हो रहा है, जिसमें यह विमान शामिल होंगे। स्पेन की कंपनी एयरबस ने टाटा के साथ करार किया है।