भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने मंगलवार को कहा है कि युद्धों में ड्रोन काफी असरदार साबित हो रही है। भारतीय सेना अपनी ईकाइयों और संरचनाओं को अत्याधुनिक ड्रोनों से और अधिक सशक्त करने की तैयारी कर रही है। यह बात उन्होंने कोलकाता के विश्व बांग्ला मेला प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय 'ईस्ट टेक -2024' रक्षा प्रौद्योगिकी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही।
रामचंद्र तिवारी ने किया आग्रह
तिवारी ने सशस्त्र बलों के लिए हथियार व उपकरण बनाने वाले रक्षा उपक्रमों से ऐसे शक्तिशाली ड्रोन उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जो काफी ऊंचाई व चुनौतीपूर्ण वातावरण में काम कर सकें, जहां सैनिकों के पहुंचने में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा, दुनियाभर की सेनाओं, खास तौर पर हमारे पड़ोस में इसकी बढ़ती क्षमताओं के मद्देनजर प्रभावी ड्रोन-रोधी प्रणाली का होना सुरक्षा को मजबूत करेगा।
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इसके साथ ही तिवारी ने कहा, सैनिकों और संसाधनों की रक्षा में सुधार के लिए अत्याधुनिक तकनीक ही आगे बढऩे का रास्ता है। पूर्वी क्षेत्र में उच्च आर्द्रता को देखते हुए, विशेष रूप से अग्रिम मोर्चों में गोला-बारूद के लिए नमी-रोधी भंडारण की स्थिति कुछ ऐसी है, उसके लिए भारतीय रक्षा उद्योग से सकारात्मक समाधान की उम्मीद है।
जनरल आरसी ने दिया जोर
दूसरी ओर बाद में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी श्रीकांत ने कहा कि रक्षा उद्योग और सशस्त्र बल अब विभिन्न ड्रोन-रोधी तकनीक विकसित कर रहे हैं। उन्हें विभिन्न अभियानों में शामिल किया जा रहा है।सशस्त्र बल और रक्षा उद्योग इसे देखते हुए दोनों पूरी तरह से तैयार हैं और इस तथ्य से अवगत हैं कि हमें जवाबी उपाय विकसित करने की आवश्यकता है।