चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि महिला संपन्न और सुयोग्य है तो वह अपने पति से गुजारा भत्ते के लिए दावा नहीं कर सकती। यह कल्याणकारी व्यवस्था है जो पति से अलग होने के बाद बेबस पत्नी को अभाव की स्थिति से बचाने और उसी के समान जीवनयापन के लिए है।