नई दिल्ली। देश यूएसएआईडी फंडिंग को लेकर कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर अमेरिका से फर्जी खबरें फैलाकर राष्ट्र-विरोधी काम में लिप्त होने का आरोप लगाया है और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर को भी जवाब देना होगा
कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क बार-बार भारत का अपमान कर रहे हैं, तो सरकार चुप क्यों है।
यूएसएआईडी फंडिंग को लेकर चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2023-24 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भाजपा के झूठ को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। बता दें कि, वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी एजेंसी वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से सात परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है और उनमें से किसी का भी मतदाता मतदान प्रतिशत से कोई लेना-देना नहीं है।
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को भी खारिज किया है और राहुल गांधी के साथ-साथ पार्टी पर भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है।
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा?
वित्त मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि एजेंसी ने 2023-24 में 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सात परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है। वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 'वर्तमान में, भारत सरकार के साथ साझेदारी में यूएसएआईडी की तरफ से कुल 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग) के बजट की सात परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है।'
सरकार का झूठ पूरी तरह से उजागर- जयराम रमेश
इस पर कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ही प्रधानमंत्री और उनकी झूठ ब्रिगेड, जिसमें उनके चतुर विदेश मंत्री भी शामिल हैं, के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है।' वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएसएआईडी वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से लगभग 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर के संयुक्त बजट के साथ सात परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है।
जयराम रमेश ने कहा, 'इनमें से एक भी परियोजना का मतदान प्रतिशत बढ़ाने से कोई लेना-देना नहीं है। ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं।' मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए, सात परियोजनाओं के तहत यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की तरफ से कुल 97 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 825 करोड़ रुपये) का दायित्व बनाया गया है।
कैसे छिड़ा USAID फंडिंग का विवाद?
इस महीने की शुरुआत में जब एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई (सरकारी दक्षता विभाग) ने दावा किया था कि उसने मतदान प्रतिशत को बढ़ावा देने के लिए भारत को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान रद्द कर दिया है। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बार-बार दावा किया कि जो बाइडन के नेतृत्व वाले पिछले प्रशासन के तहत यूएसएआईडी ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारत को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का वित्तपोषण किया था। हालांकि इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी चिंताजनक है और सरकार इस पर गौर कर रही है।