नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ दो करोड़ रुपये दहेज लेने का आरोप लगाया। इसके बाद पति ने आयकर विभाग से शिकायत कर मांग की कि पत्नी के घरवालों की वित्तीय स्थिति की जांच की जाए।
ससुराल वालों के दो करोड़ रुपये दहेज देने के आरोप से व्यथित पति ने आयकर विभाग को जांच के लिए शिकायत दे दी। दो वर्ष पहले शादी के बाद पत्नी की तरफ से दहेज उत्पीड़न की शिकायत की गई थी। कार्रवाई न होने पर पति ने दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई।
हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने अपनी पत्नी और उसके परिवार की वित्तीय स्थिति की जांच की मांग की थी। इस मामले में ससुराल की तरफ से दावा किया गया था कि उन्होंने शादी पर करोड़ों रुपये खर्च करने के अलावा उसे दो करोड़ रुपये दहेज दिया था।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने कहा कि शिकायत वैवाहिक झगड़े से उपजी है। याचिकाकर्ता यह बताने में असमर्थ है कि किस प्रावधान के तहत आयकर विभाग को ऐसी शिकायत की गई थी। याचिकाकर्ता के किस मौलिक या वैधानिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है यह भी स्पष्ट नहीं है। याचिकाकर्ता की दलीलों को पढ़ने के बाद ऐसा लग रहा है कि वर्तमान याचिका वैवाहिक झगड़े पर आधारित है।
याचिकाकर्ता का मामला यह था कि 2022 में उसने दिल्ली में एक सादे समारोह में शादी की। हालांकि, शादी विफल हो गई। याचिकाकर्ता ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 296ST के तहत दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन निषिद्ध है। उन्होंने तर्क दिया कि पत्नी द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद विभाग यह जांच करने के लिए बाध्य है कि क्या पत्नी और उसके परिवार ने दहेज और शादी पर खर्च किए गए कथित धन को सही ठहराने के लिए महत्वपूर्ण आय की सूचना दी थी।