मधुबनी । नेपाल में तीन दिनों से भारी बारिश हो रही। नेपाल ने अपना रिकॉर्ड पानी शनिवार को बिहार की कोसी और गंडक नदी में भेज दिया। इन दोनों नदियों में बाढ़ ने एक लाख लोगों को घेर लिया। अब गंगा का भी जलस्तर बढ़ने का डर है। पटना पर भी आफत है।
चंद सेकेंड में बह गया मस्जिद का ढांचा
पूर्णिया में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से जिले की नदियां उफान पर हैं। बायसी में बहने वाली महानंदा, कनकई और परमान जैसी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। यहां हालत भयावह हैं। बायसी प्रखंड के ताराबाड़ी में कटाव ने भयावह रूप ले लिया है। यहां एक मस्जिद का ढांचा कनकई नदी में समा गया। इस घटना का 28 सेकेंड का लाइव वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे मस्जिद का ढांचा महज चंद सेकेंड में नदी में समा गया।
कोसी बांध के स्पर टूटने अफवाह
कोसी बांध का 74.40 स्पर के टूटने की अफवाह से लोगों के बीच हाहाकार मच गया है। अचानक कोसी नदी में जल स्तर बढ़ने से स्पर के ऊपर से पानी का बहाव शुरू होने से लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जिला प्रशासन और अंचल प्रशासन बचाव कार्य में जुट गई है। जानकारी के अनुसार नवहट्टा अंचल के पूर्वी तटबंध के अंदर कासिमपुर और हाटी पंचायत के झकराहा टोला के समीप स्पर के ऊपर से पानी का बहाव हो रहा है। नवहट्टा अंचल अधिकारी ने बताया कि स्पर टूटने की बात सामने आई थी लेकिन वह टूटा नही है ऊपर से पानी का बहाव हो रहा है। बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। एसडीआरएफ की टीम तैनात कर दिया गया है। जान माल की क्षति नहीं हुई है।
मधुबनी के दर्जन भर गांव में बाढ़ का पानी घुसा
मधुबनी में कोसी, कमला, भुतही बलान नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है। मधेपुर प्रखण्ड के कोसी दियारा इलाके के बसीपट्टी, गढ़गांव पंचायत के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। दर्जनों लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे लोग घर खाली कर ऊंचे स्थानों पर नाव से जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा ऊंचे स्थानों पर स्कूलों में आश्रय स्थल बनाया गया है। वहां लोग अपने परिवार के साथ पहुंच रहे हैं। लोगों की मानें तो घर मे पानी चले जाने के कारण सारा सामान बर्बाद हो गया है। खाने-पीने का भी समान नहीं बचा है। पानी लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन द्वारा आश्रय स्थल पर सामुदायिक किचेन की व्यवस्था की गई है। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि कोसी बैराज से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे मधेपुर प्रखंड के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर गया है। घर खालीकर आश्रय स्थलों पर जाने के लिए अपील किया गया है। प्रशासन द्वारा 25 नावों और दो मोटरबोट को लगाया गया है। एसडीआरएफ की दो टीम को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
बढ़ते क्रम में वाटर डिस्चार्ज किया गया है
नेपाल प्रभाग स्थित कोसी बराज से शनिवार की रात 12 बजे छह लाख 17 हजार क्यूसेक बढ़ते क्रम में वाटर डिस्चार्ज किया गया है। कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र अंतर्गत बराह क्षेत्र से रात 12 बजे पांच लाख 82 हजार क्यूसेक वाटर डिस्चार्ज रिकॉर्ड हुआ है। इसके बाद सुपौल में कोसी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच बसे आबादी वाले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। इधर, कोसी के रौद्र रूप से डरे-सहमे लोगों का रात भर तटबंध पर जमावड़ा लगा रहा। लोगों ने घर में भी रात जाग कर बितायी। दूसरी तरफ तटबंध के कई बिंदुओं पर पानी का दवाब बढ़ा हुआ है। इसकी वजह से जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अधिकारी रात भर तटबंधों की निगरानी और फ्लड फाइटिंग कार्य कराते रहे।