कौशांबी। कौशांबी के चरवा कोतवाली के काजू गांव में दोहरा हत्याकांड को अंजाम देने वाले कातिल शनि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के सामने कातिल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
यूपी के देवरिया से गिरफ्तार कर कौशाम्बी लाया गया काजू गांव में दोहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी शनि पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया। पुलिस के मुताबिक, हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी की बरामदगी के लिए एसओजी टीम उसे काजू गांव ले गई थी। एक खंडहर में उसने झोले में कुल्हाड़ी रखी थी, जिसमें लोड किया हुआ तमंचा भी था। उसी तमंचे से उसने पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस ने अपना बचाव करने हुए गोलियां दागीं। गोली बाएं पैर में लगने से शनि जख्मी हो गया। इलाज के लिए उसे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी - फोटो : अमर उजाला
देवरिया के भटनी रेलवे स्टेशन से हुआ गिरफ्तार
काजू गांव निवासी संगमलाल की पत्नी संगीता व बेटा सरबजीत की घर में घुसकर धारदार हथियार से हत्या करने वाले मुख्य आरोपी शनि को देवरिया के भटनी रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ व जीआरपी ने गिरफ्तार किया था। जिले से एसओजी उसे वहां से ले आई थी। सीओ सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि आरोपी को देर रात चरवा कोतवाली लाया गया था।
बकौल एसपी, तड़पा कर मारना चाहता था आरोपी
मुख्य आरोपी ने वारदात में तमंचे का उपयोग नहीं किया। इस सवाल का भी जवाब पुलिस ने दे दिया है। एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव, मुठभेड़ के बाद पकड़े गए आरोपी शनि ने पूछताछ में बताया कि मां-बेटे को वह तड़पाकर मारना चाहता था। इस वजह से उसने तमंचे से गोली चलाने के बजाय कुल्हाड़ी का प्रयोग किया। एसपी ने बताया कि वैसे भी आरोपी के चेहरे पर मां-बेटे की हत्या का जरा भी अफसोस नजर नहीं आ रहा था। वह यही बोल रहा था कि ऐसे लोगों को मौत की नींद ही सुला देना चाहिए।
13 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भेजी गई थी फोटो
दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने प्रयागराज से पटना तक के रास्ते में पड़ने वाले 13 स्टेशनों पर उसकी फोटो भिजवाई थी। हालांकि, उसने पुलिस को चकमा देने के लिए सफर के दौरान तीन ट्रेनें बदली। फिर भी वह पुलिस के बुने जाल में फंसकर भटनी स्टेशन पर पकड़ लिया गया।
थानेदार समेत तीन कर्मी हुए निलंबित
पुलिस की लापरवाही के चलते थानेदार समेत तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। आईजी ने भी फरार आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किए जाने के निर्देश दिए थे। पुलिस पर लगे इस दाग को मिटाने के लिए दो दिन तक पूरी तरह से फिल्डिंग सजाई गई। संभावित गांवों में तलाश के लिए अलग-अलग टीमें बनाकर दबिश दी गई।
आरोपी शनि अपने पिता के साथ पटना के ईंट-भट्ठा में काम करता था। ऐसे में इस बात की भी आशंका थी कि वह घटना को अंजाम देकर अपने पिता के पास पटना जा सकता है। एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी शनि की तलाश में प्रयागराज से पटना शहर तक पड़ने वाले 13 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर उसकी फोटो भेजी। पुलिस का मानना था कि किसी न किसी स्टेशन पर तो वह ट्रेन से उतरेगा ही। आखिरकार भटनी रेलवे स्टेशन पर उतरने पर उसे पकड़ लिया गया।