बरेली बरेली एक नौ साल का लड़का अपने मजदूर माता-पिता के साथ जम्मू-कश्मीर जाता है। वहां रेलवे स्टेशन पर भीड़ में वह गुम हो जाता है। 22 साल बाद वह अचानक अपने घर लौट आता है। यह कहानी है मोहम्मद सईद उर्फ छोटन की।
इस कहानी में कहीं झोल तो नहीं है, इसकी जांच पड़ताल अब पुलिस कर रही है। बरेली के नवाबगंज कस्बे की नई बस्ती निवासी समीर अहमद के घर में जश्न का माहौल है। 22 साल पहले कश्मीर में बिछड़ा उनका बेटा मोहम्मद सईद उर्फ छोटन अब घर लौट आया है। साथ में उसकी पत्नी और चार बच्चे भी हैं। इस बीच जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।
कश्मीर में लापता होने के बाद पूरनपुर पहुंचने और फिर जयपुर में परिवार बसाने की कहानी में कहीं झोल तो नहीं, इसे लेकर जांच की जाएगी। एसएसपी ने पुलिस व एजेंसियों को जांच का निर्देश दिया है। समीर अहमद पत्नी नाजरा के साथ चार दिन पहले जयपुर गए थे। वहां राजमिस्त्री का काम करने वाले युवक से मुलाकात हुई। उसने खुद को उनका बेटा सईद अहमद उर्फ छोटन बताया। तब समीर की आंखों के सामने 22 साल पहले का मंजर घूम गया जब नौ साल का बेटा उनसे बिछड़ गया था। छोटन ने कई ऐसी बातें बताईं जिससे नाजरा को यकीन हो गया कि वह उन्हीं का खोया हुआ बेटा है। अब उनके घर में जश्न का माहौल है। रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं। छोटन ने जयपुर से पत्नी-बच्चों को भी बुला लिया है।
आंखों के सामने से ही हो गया था ओझल
समीर अहमद ने बताया कि 26 मई 2003 को वह पत्नी नाजरा, बेटे शब्बू, छोटन, नईम, वसीम व बेटी नेहा के साथ जम्मू-कश्मीर में मजदूरी करने जा रहे थे। जम्मू रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरे तो प्लेटफॉर्म पर भीड़ थी। इसी दौरान उनका नौ साल का बेटा छोटन कहीं गुम हो गया। काफी तलाशने के बाद उन्होंने वहीं बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पिता ने जम्मू कश्मीर के सभी थानों में जाकर बेटे के बारे में जानकारी की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।
ऐसे हो सकी मुलाकात
समीर अहमद ने बताया कि नवाबगंज के कई परिवार जयपुर में रहते हैं। इन्हीं में से एक महिला ने उन्हें बताया कि जयपुर में एक युवक राजमिस्त्री का काम करता है। वह खुद को बचपन में खोने की बात बताता है। सगीर अपनी पत्नी को साथ लेकर वहां पहुंचे तो छोटन ने उन्हें पहचान लिया। तब दंपती उसे नवाबगंज में अपने घर ले आए।
ये कहानी बताई
छोटन ने परिजनों को बताया कि उनसे बिछड़ने के बाद वह इधर-उधर भटकता रहा। 15 साल पहले पूरनपुर (पीलीभीत) निवासी राज मिस्त्री चांद मियां उसे अपने साथ ले गए। उन्हीं ने उसे बेटे की तरह पाला और राज मिस्त्री का काम सिखाया। चांद मियां ने ही भिखारीपुर गांव निवासी नसीम बेगम से उसकी शादी करा दी। अब उसके चार बेटे आयान, अरसलान, अरमान व सुभान हैं।
एलआईयू और पुलिस खंगालेगी कुंडली
मोहम्मद सईद उर्फ छोटन की जिंदगी कके 22 साल कहां बीते, इस बारे में स्थानीय पुलिस और एलआईयू जानकारी लेगी। इस मामले में एसएसपी ने पुलिस और एलआईयू को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं । पुलिस पता लगाएगी कि इतने दिनों तक वह जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के जयपुर में कहां-कहां रहा। इस बीच किन-किन लोगो से उसके संबंध रहे, इसकी भी पड़ताल की जाएगी।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बताया जा रहा है कि छोटन नाम का युवक 22 साल बाद घर लौटा है। नवाबगंज पुलिस व एलआईयू को निर्देश दिए हैं कि वह उसके पिछले दिनों के बारे में जानकारी जुटाएं। सब ठीक होगा तो कोई बात नहीं, वर्ना आगे कार्रवाई की जाएगी।