73 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले दिग्गज संगीतकार और मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना से शादी की थी। उनके पिता अल्लाह रक्खा भी मशहूर तबला वादक थे। उस्ताद जाकिर हुसैन का सोमवार सुबह अमेरिका में दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के कारण निधन हो गया।
वे काफी समय से अस्वस्थ थे, इसी वजह से उन्होंने अपने कई संगीत कार्यक्रम भी रद्द कर दिए थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं।
सैनिक परिवार में हुआ था पिता का जन्म
उस्ताद जाकिर हुसैन के पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा का जन्म जम्मू और कश्मीर में हुआ था। वे एक भारतीय तबला वादक थे, जिन्होंने पूरी दुनिया में तबला वादन की कला को लोकप्रिय बनाया। अल्लाह रक्खा का जन्म एक सैनिक परिवार में हुआ था। अल्ला रक्खा अपने सात भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके पिता (उस्ताद जाकिर हुसैन के दादा) नहीं चाहते थे कि अल्ला रक्खा संगीत सीखें।
12 साल की उम्र में पहली बार देखा था तबला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उस्ताद जाकिर हुसैन के पिता अल्ला रक्खा जब 12 साल के थे तो वह अपने चाचा से मिलने गुरदासपुर आए थे। यहां उन्होंने पहली बार तबला देखा। अल्ला रक्खा को यह बेहद पसंद आया। इसके बाद वे पंजाब स्कूल ऑफ क्लासिकल म्यूजिक (घराना) में संगीत सीखने आए। वे उस्ताद मियां खादरबख्श पखावजी के शिष्य थे। तबले के प्रति गहरी रूचि ने उनको महान तबला वादक बनाया। उन्होंने कुछ समय तक पठानकोट के एक थिएटर कंपनी में भी काम किया।
पिता ने की थी दो शादियां
उस्ताद अल्लाह रक्खा ने दो शादियां की थीं। उनकी पहली शादी बावी बेगम से हुई थी और उनसे तीन बेटे, जाकिर हुसैन, फजल कुरैशी और तौफीक कुरैशी और दो बेटियां खुर्शीद औलिया नी कुरैशी और रजिया थीं। वहीं दूसरी शादी जीनत बेगम से की थी। जिनसे एक बेटी रूही बानो और बेटा साबिर था। रूही बानो 1980 के दशक की एक लोकप्रिय टीवी अभिनेत्री थीं।
उस्ताद जाकिर हुसैन का परिवार
1978 में जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की थी। वह इटैलियन थीं और उनकी मैनेजर भी थीं। जब वे नृत्य सीख रही थीं तो कैलिफोर्निया में उनकी मुलाकात जाकिर हुसैन से हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इजाबेला कुरैशी हैं। जाकिर हुसैन की बड़ी बेटी अनीसा एक फिल्म निर्माता हैं। जबकि छोटी बेटी इजाबेला नृत्य का प्रशिक्षण ले रही हैं।
जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। इसके अलावा उन्होंने ग्रेजुएशन मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से किया था। उस्ताद जाकिर हुसैन भारत के साथ-साथ विदेशों में भी फिल्मों और एल्बमों में काम करते थे। वे अपने करियर के लिए अपने पिता का शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि वे कला-रूप पर ही ध्यान केंद्रित करें।