अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर सख्ती और उन्हें देश से निकाले जाने का क्रम जारी है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद कई देश के लोगों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है।
ताजा घटनाक्रम में सी-17 सैन्य विमान से 104 भारतीय प्रवासियों के एक समूह को लौटाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संकल्प और नीतियों का असर दिखना शुरू हो गया है।
बीते 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस पर अमल करते हुए अमेरिकी प्रशासन ने सी-17 सैन्य विमान से 104 भारतीय लोगों के एक समूह को अमेरिका से वापस भेज दिया है। 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार दोपहर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। सूत्रों ने इन बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फ्लाइट दोपहर 1.55 बजे लैंड हुई।
इन निर्वासित किए गए लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और दो चंडीगढ़ से हैं। हालांकि अभी निर्वासित लोगों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले की रिपोर्टों में दावा किया गया था कि अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 205 अवैध अप्रवासियों को ले जा रहा था।
यह अवैध भारतीय अप्रवासियों का पहला जत्था है जिसे अमेरिकी सरकार ने निर्वासित किया है। बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है। सी-17 सैन्य विमान से भारत लौटाए जा रहे प्रवासियों के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई पर आई रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों पर अमल करते हुए अमेरिका आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है।
पहले 15 दिन में इन देशों के लोगों को भी डिपोर्ट किया जा चुका है
बता दें कि ट्रंप प्रशासन बीते दो हफ्ते में सैन्य विमानों का उपयोग कर ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास में कई अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया है। अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान भेजने वाले गंतव्यों में भारत अब तक का सबसे दूरस्थ स्थान है।
क्या विदेश मंत्रालय ने निर्वासन पर चुप्पी साधी?
यह भी दिलचस्प है कि भारतीयों को ले जाने वाले निर्वासन विमान पर नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने सीधी टिप्पणी से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई का संदेश स्पष्ट है। अवैध प्रवास का जोखिम उठाना ठीक नहीं है। यह दिखाता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों पर कोई नरमी दिखाने के मूड में नहीं हैं। अमेरिकी प्रशासन बीते दो हफ्ते से लगातार कार्रवाई कर रहा है लेकिन प्रवासियों को अमेरिका से निकाले जाने की बड़ी कार्रवाई के तहत पहली बार भारत में निर्वासन हो रहा है। अमेरिका का एक सैन्य परिवहन विमान भारतीय प्रवासियों के एक समूह को लेकर आ रहा है।
एक हफ्ते बाद पीएम मोदी के अमेरिका दौरे का कार्यक्रम
अमेरिकी प्रशासन ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब लगभग एक हफ्ते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर जाने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। खबर के मुताबिक पीएम मोदी 12-13 फरवरी को वॉशिंगटन की यात्रा कर सकते हैं। भारत और अमेरिका इस दौरे से जुड़ी योजनाओं को अंतिम रूप देने में लगे हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति ट्रंप की नीति पर क्या कहा?
दोनों देशों के रिश्ते और निर्वासन के संबंध में बीते 27 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इसके बाद ट्रंप ने कहा था कि भारत अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मामले में 'वही करेगा जो सही होगा'। पिछले महीने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत अवैध आव्रजन का विरोध करता है, क्योंकि इसका संबंध कई तरह के संगठित अपराध से है।
नागरिकों की संख्या पर 'फिलहाल बात करना जल्दबाजी'
विदेश मंत्रालय साफ कर चुका है कि नई दिल्ली उन सभी भारतीयों को वापस लेगा, जो या तो अमेरिका में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रह चुके हैं या बिना वैध दस्तावेज के वहां हैं। हालांकि, उन्हें सरकार के साथ दस्तावेज साझा करना होगा। ताकि उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वास्तव में भारतीय हैं। जायसवाल के मुताबिक अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या के बारे में 'फिलहाल बात करना जल्दबाजी' होगी।
कांग्रेस सांसद ने पूछा तीखा सवाल
निर्वासन की खबर आने से पहले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक के दौरान उन्हें पता चला कि अमेरिका 7.25 लाख भारतीयों को अवैध बताकर वापस भेज रहा है।' उन्होंने सवाल किया कि भारत आने के बाद वे क्या करेंगे?
अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर सख्ती का संकल्प
खबरों के मुताबिक पिछले वर्ष अक्तूबर में अमेरिका ने अवैध रूप से देश में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजने के लिए एक चार्टर्ड विमान किराए पर लिया था। अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने कहा है कि वह अमेरिकी आव्रजन कानूनों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।