नई दिल्ली। उच्च न्यायालय ने माना कि करवा चौथ पर उपवास नहीं करना एक व्यक्ति की पसंद है और यह न तो क्रूरता है और न ही वैवाहिक संबंधों को तोड़ने के लिए पर्याप्त। अदालत ने कहा कि अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं रखना और कुछ धार्मिक कर्तव्यों का पालन न करना भी अपने आप में क्रूरता नहीं है।