नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें प्रदेश सरकार को कक्षा 5, 8, 9 और 11 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा को बरकरार रखने को कहा था। साथ ही शीर्ष अदालत ने इन बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने पर भी रोक लगा दी।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश प्रथमदृष्टया शिक्षा के अधिकार (आरटीआई) कानून के अनुरूप नहीं लगता है। कर्नाटक सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और वह छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन को कठिनाई में डालने पर तुली हुई है। राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है।
पीठ ने हाईकोर्ट के 22 मार्च के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर आदेश पारित किया। कर्नाटक सरकार ने छह और नौ अक्तूबर, 2023 को दो आदेश जारी किए थे, जिसमें कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड को ‘योगात्मक मूल्यांकन-2’ परीक्षा आयोजित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस फैसले को निजी स्कूल प्रबंधन संघों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सरकारी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया था, लेकिन डिवीजन पीठ में अपील के बाद एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी गई थी।