नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय भूजल बोर्ड की 2024 की वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 440 जिलों में नाइट्रेट की मात्रा अनुमति सीमा से अधिक पाई गई है।
20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 263 जिलों में भूजल में फ्लोराइड अधिक मिला है।
केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में नालों के माध्यम से अनुपचारित या प्रदूषित जल प्रवाहित नहीं किया जा रहा है। महाकुंभ के दौरान गंगा-यमुना में प्रदूषित जल छोड़े जाने को लेकर उठ रहे सवालों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, स्वच्छ गंगा अभियान के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
विशेष रूप से नमामि गंगे मिशन-द्वितीय के तहत प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान नालों के जल को शुद्ध करने की दिशा में वित्तीय सहायता दी गई है और इस संबंध में एक परियोजना को मंजूरी भी प्रदान की गई है। योजना के तहत कुल 48,100 शौचालय और मूत्रालय साथ ही 20,000 ठोस कचरा डिब्बे और लाइनर बैग उपलब्ध कराए गए हैं।
23 राज्यों के भूजल में नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा
एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय भूजल बोर्ड की 2024 की वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि देश के 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 440 जिलों में नाइट्रेट की मात्रा अनुमति सीमा से अधिक पाई गई है। 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 263 जिलों में भूजल में फ्लोराइड अधिक मिला, जबकि 20 राज्यों के 118 जिलों में आर्सेनिक प्रदूषण की पहचान हुई है।
वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का ठोस आंकड़ा नहीं
लोकसभा में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि केवल वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का ठोस और निर्णायक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों का एक कारक हो सकता है लेकिन स्वास्थ्य पर असर डालने वाले अन्य कई तत्व भी होते हैं, जैसे खानपान की आदतें, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, आनुवंशिकता, प्रतिरक्षा तंत्र और चिकित्सा इतिहास।
ऊर्जा संरक्षण में भारत बेहतर
विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्य सभा में बताया कि ऊर्जा संरक्षण में भारत का प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर सबसे बेहतर रहा है। 2021 से 2024 की अवधि में वैश्विक ऊर्जा तीव्रता 1.3% घटी, जबकि भारत में 1.6 फीसदी का सुधार हुआ।