दक्षिण चीन सागर और उत्तरी प्रशांत महासागर में तैनात भारत का मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस शिवालिक ऑफ द पैसिफिक (रिमपैक) एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए हवाई के पर्ल हार्बर पहुंच गया है। रिमपैक दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास है।
भारत और जापान के बीच चल रहे नौसैनिक अभ्यास जिमेक्स-24 के पूरा होने के बाद गुरुवार को आईएनएस शिवालिक पर्ल हार्बर पहुंचा।
27 जून से 7 जुलाई 2024 तक चलने वाली नेवल एक्सरसाइज हार्बर फेज में कई संगोष्ठियां, एक्सरसाइज की योजनाओं पर चर्चा के साथ, खेल प्रतियोगिताओं और जहाजों की डेक विजिट कराई जाएगी। रिमपैक-24 के समुद्री चरण को तीन उप-चरणों में बांटा गया है, जिसमें पहले दो उप-चरणों के दौरान जहाज बेसिक और एडवांस लेवल की इंटीग्गेशन एक्सरसाइज होंगी। वहीं इसका समापन थिएटर स्तर पर बड़े बलों के सामरिक अभ्यास के साथ होगा। इस अभ्यास में एयरक्राफ्ट कैरियर बैटल ग्रुप, , पनडुब्बियां, समुद्री टोही विमान, मानव रहित हवाई जहाज, दूर से संचालित सतही जहाज और बहुराष्ट्रीय नौसेनाओं की स्पेशल फोर्सेज के साथ जॉइंट ऑपरेशंस समेत एंफीबियस फोर्स लैंडिंग ऑपरेशन भी लेंगे।
भारत और जापान के नौसैनिक अभ्यास जिमेक्स-24 के बाद को आईएनएस शिवालिक पर्ल हार्बर पहुंचा - फोटो : अमर उजाला
रिमपैक-24 नेवल एक्सरसाइज छह सप्ताह तक चलेगी। जिसका उद्देश्य गहन ऑपरेशंस और ट्रेनिंग के जरिए मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना और विश्वास का निर्माण करना है। अमेरिकी नौसेना के नेतृत्व में, लगभग 29 देश रिमपैक-24 नेवल एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे हैं। दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास, रिमपैक-24 प्रतिभागियों के बीच संबंधों को बनाए रखने के साथ-साथ एक अनूठी ट्रेनिंग का भी मौका देता है। जो समुद्री मार्गों की हिफाजत और दुनिया के महासागरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है।
आईएनएस शिवालिक पर्ल हार्बर पहुंचा मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट
भारतीय तट से 9000 समुद्री मील दूर रिमपैक-24 में आईएनएस शिवालिक की भागीदारी से पता चलता है कि भारतीय नौसेना दुनिया के किसी भी हिस्से में अपने ऑपरेशंस को अंजाम दे सकती है। आईएनएस शिवालिक 6000 टन वजनी गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है, जिसे देश में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है।