दिसपुर । असम पुलिस ने बताया है कि उसकी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीफ) ने अलकायदा से जुड़े अंसारुल्लाह बांग्लाद टीम (एबीटी) के दो और आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ अब तक एबीटी के 10 आतंकी पकड़े जा चुके हैं।
इससे पहले एसटीएफ ने एबीटी के 8 आतंकियों को असम, पश्चिम बंगाल और केरल से गिरफ्तार किया था। इन आठ में से पांच को असम के कोकराझार और धुबरी जिले से पकड़ा गया था। इसके अलावा दो और लोगों को पश्चिम बंगाल और एक बांग्लादेशी को केरल से गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि गिरफ्तार आतंकियों के पास से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुए थे, जिसमें संदिग्ध ऐप्स वाले मोबाइल फोन, प्रचार सामग्री, बांग्लादेशी-निर्धारित पहचान दस्तावेज, और महत्वपूर्ण साक्ष्य वाले पेन ड्राइव शामिल हैं।
क्या था आतंकियों का मकसद?
एसटीएफ प्रमुख पार्था सारथी महंत ने पिछले हफ्ते अंसारुल्ला बांग्ला टीम के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक का नाम मोहम्मद साद रदी उर्फ शब शेख है। वह बांग्लादेश के राजशाही का निवासी है और नवंबर 2024 में भारत में घुसकर आतंकवाद फैलाने के लिए काम कर रहा था। रदी ने एबीटी के स्लीपर-सेल कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए असम, पश्चिम बंगाल और केरल का दौरा किया था। एसटीएफ ने पुलिस के सहयोग से उसे केरल से गिरफ्तार किया। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल और असम से भी अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ ने ऐसे किया साजिश का भंडाफोड़
एसटीएफ ने इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की और जिहादी गतिविधियों के खिलाफ ऑपरेशन - प्रघात शुरू किया था। गिरफ्तारी के दौरान, आरोपियों से जब्त किए गए मोबाइल फोन और दस्तावेजों से पता चला कि इनका संपर्क सीमा पार स्थित बांग्लादेश और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से था।
इसके साथ ही एसटीएफ प्रमुख ने कहा कि यह गिरोह असम और पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल बनाने के लिए काम कर रहा था। उनका उद्देश्य भारत में हिंसा और अराजकता फैलाना था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने साद रदी की मदद से ऐसे लोगों की पहचान की थी जो कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित थे और उन्हें भर्ती कर रहे थे।