नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में न तो माता-पिता को अपने बच्चों की चिंता है और न ही बच्चों को अपनी जान की परवाह है। नाबालिग यानी कम उम्र के बच्चे वाहन चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ गया है। इस वर्ष के शुरुआती पांच महीनों में वाहन चलाने वाले नाबालिग की संख्या 573 फीसदी बढ़ी है।
यह आंकड़े सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नाबालिगों द्वारा ड्राइविंग की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि को रोकने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। इनकी धरपकड़ के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है।
यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ जारी चालान की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आंकड़ों से पता चला है कि एक जनवरी से 15 मई 2024 के बीच, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने नाबालिगों द्वारा ड्राइविंग अपराधों के लिए 101 चालान जारी किए है। वर्ष 2023 में इसी अवधि में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर सिर्फ 15 चालान जारी किए थे। यह आंकड़ा लगभग 573 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है। पुलिस ने माता-पिता और अभिभावकों से आग्रह किया है कि वह इस मामले को गंभीरता से लें और नाबालिगों को गाड़ी चलाने से रोकें। लाेगों से अपील की है कि वह नाबालिगों की ड्राइविंग के किसी भी मामले की रिपोर्ट यातायात पुलिस या नजदीकी पुलिस स्टेशन में करें।
पुलिस ने शुरू की व्यापक जागरूकता पहल
ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सड़क सुरक्षा बढ़ाने और युवा एवं अनुभवहीन ड्राइवरों से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने की एक व्यापक पहल शुरू की है। पुलिस नाबालिगों को गाड़ी चलाने की अनुमति देने से रोकने के लिए उनके अभिभावकों को शिक्षित करने पर जोर दे रही है। इसके लिए स्कूलों और समुदायों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ये शैक्षिक प्रयास प्रवर्तन कार्यों के पूरक और छोटी उम्र से ही जिम्मेदार ड्राइविंग की संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश है।