नई दिल्ली। लेडी हार्डिंग अस्पताल आने वाले दिनों में कैंसर पर सटीक वार कर सकेगा। यह सुविधा शुरू होने पर कैंसर मरीजों का इंतजार घटेगा। साथ ही एक ही जगह पर आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। मौजूदा समय में अस्पताल के कैंसर सेंटर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग केवल कीमोथेरेपी की सुविधा दे रहा है। अन्य सुविधाओं के लिए मरीजों को दूसरे अस्पताल या सेंटर का रुख करना पड़ता था।
ऐसे में कैंसर विभाग में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बजट आवंटित किया।
इस बजट की मदद से रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में नई मशीन आई हैं। इन मशीनों को चलाने के लिए अगले कुछ दिन में लाइसेंस लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि लेडी हार्डिंग अस्पताल में हर दिन आठ हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, कान, नाक गला विभाग सहित अन्य विभाग में इलाज करवाते हैं। इन मरीजों की जांच के बाद कई तरह के कैंसर का पता चलता है।
इन कैंसर मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में ब्रैकीथेरेपी, सीटी सिम्युलेटर व एमआरआई मशीन लाई गई है। इनपर मरीजों का इलाज जल्द शुरू हो जाएगा। इसके अलावा कैंसर के रोगियों को बाह्य किरण विकिरण उपचार देने के लिए लिनेक मशीन भी आएगी। संभावना है कि यह लिनेक मशीन अगले माह तक अस्पताल को मिल सकता है।
क्या है लिनेक
मेडिकल लीनियर एक्सेलरेटर (लिनेक) मशीन का उपयोग कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। यह रोगी के ट्यूमर के क्षेत्र में उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन पहुंचाता है। यह कैंसर के रोगियों के लिए बाहरी बीम विकिरण उपचार के लिए सबसे अधिक किया जाता है।
क्या है सीटी सिम्युलेटर
सीटी सिमुलेटर सीटी स्कैन की तरह ही एक मशीन है। इसकी मदद रेडिएशन की डोज कंप्यूटर से निर्धारित की जाती है। इससे थ्री डी सीआरटी थेरेपी और आईएमआरटी थेरेपी भी संभव होती है। इसमें कंप्यूटर की मदद से तीन तरफ से तस्वीर देखकर कैंसर प्रभावित क्षेत्र को टारगेट कर रेडिएशन दिया सकता है।
अस्पताल में होगा सुविधाओं का विस्तार
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष गिरी ने कहा कि ऑन्कोलॉजी विभाग में नई मशीन आने से सुविधाओं का विस्तार होगा। इन मशीनों को सरकारी एजेंसी की मदद से खरीदा गया है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह से कुछ सुविधाएं शुरू हो जाएगी, जबकि एक सुविधा अगले माह से शुरू हो सकती है।
यह है ब्रैकीथेरेपी
ब्रैकीथेरेपी एक टारगेट थेरेपी है। इसमें रेडियोधर्मी किरणों से सीधे ट्यूमर या कैंसर सेल के अंदर या बगल में वार किया जाता है। इसमें विकिरण के उच्च कुल खुराक का उपयोग किया जाता है। यह शरीर के बाहर से ट्यूमर पर उच्च-ऊर्जा एक्स-रे किरणों को निर्देशित करता है।
हर सप्ताह 20 मरीजों को दे सकेंगे सुविधा
अस्पताल के कैंसर विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. विक्रांत ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि ब्रैकीथेरेपी की सुविधा शुरू होने के बाद अगले सप्ताह से हर सप्ताह 10 से 20 मरीजों को सुविधा दे सकेंगे। इसमें बच्चेदानी के मुंह का कैंसर, सिर व गला क कैंसर सहित अन्य कैंसर के मरीज शामिल होंगे। उनका कहना है कि इस थेरेपी देने के लिए मरीज को भर्ती करने की जरूरत होती है। उसकी पूरी प्रक्रिया के बाद थेरेपी दी जाती है।
सफदरजंग अस्पपाल में अल्ट्रासाउंड के लिए कम होगा इंतजार
सफदरजंग अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा का विस्तार होगा। अस्पताल को सीएसआर फंड की मदद से कई चिकित्सीय उपकरण प्राप्त हुए हैं। इनमें अल्ट्रासाउंड मशीन प्रमुख है। इसकी मदद से जांच में तेजी आएगी। इसमें फेको इमल्सीफिकेशन जिसका इस्तेमाल मोतियाबिंद का इलाज के लिए, ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप, इलेक्ट्रॉनिक बेड, आरओ प्लांट, वाटर एटीएम, वेन व्यूअर्स, पोर्टेबल मॉनिटर, व्हीलचेयर और ट्रॉलियां लाई गई हैं। इस मौके पर अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. वंदना तलवार ने कहा कि ट्रॉली बेड मरीजों के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ के लिए मददगार होगा। फेको इमल्सीफिकेशन प्रणाली एक उन्नत सर्जिकल उपकरण है। इसकी मदद से मोतियाबिंद का सटीक इलाज हो सकेगा।