केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में किए गए सुधारों से देश की इकोनॉमी में कम से कम 2 लाख करोड़ रुपए का योगदान होगा।
इससे आम लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा।
विशाखापट्टनम में 'नेक्स्ट जेन GST रिफॉर्म्स' पर आयोजित एक इवेंट में उन्होंने कहा कि GST दरों में कटौती से देशवासियों को 2 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम है।
12% स्लैब में शामिल 99% सामान 5% टैक्स दायरे में
वित्त मंत्री ने बताया कि GST के 12% स्लैब में शामिल 99% सामान अब 5% टैक्स दायरे में आ गए हैं। साथ ही 28% टैक्स स्लैब वाले 90% सामान अब 18% के दायरे में हैं। उन्होंने कहा कि ये बदलाव मिडिल क्लास के लिए बहुत फायदेमंद होंगे और गरीबी कम करने में भी मदद करेंगे।
सीतारमण ने यह भी दावा किया कि GST सुधारों से मिलने वाला लाभ देश में कई इंडस्ट्री को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि यानी इंसेंटिव अमाउंट से 10 गुना ज्यादा है।
वित्त मंत्री ने बताया कि GST लागू होने के बाद से 2025 तक इसका रेवेन्यू बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसके अलावा GST टैक्सपेयर्स की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है। यह दर्शाता है कि GST ने न केवल रेवेन्यू बढ़ाया, बल्कि टैक्सपेयर्स का आधार भी मजबूत किया।
GST के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18%
अब GST के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% होंगे। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते होंगे। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी थी।
सीतारमण ने बताया था कि दूध, रोटी, पराठा, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। वहीं इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी।
लग्जरी आइटम्स और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर अब 28% की जगह 40% GST लगेगा। मध्यम और बड़ी कारें, 350cc से ज्यादा इंजन वाली मोटरसाइकिलें इस स्लैब में आएंगे।
GST की नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी
वित्त मंत्री ने बताया था कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन, यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। हालांकि, तंबाकू वाले सामान पर नई 40% GST दर अभी लागू नहीं होगी।
इन बदलावों का मकसद आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।