वाराणसी । आमतौर पर दूसरों के सामने भगवान के नाम पर हाथ फैलाने वाले काशी प्रांत के भिखारियों ने भी राम मंदिर के निर्माण में अनूठा योगदान दिया है। भिखारियों के एक बड़े कुनबे ने साढ़े चार लाख रुपये की धनराशि दी है।
तीर्थराज प्रयाग और काशी के 300 से ज्यादा भिखारियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समर्पण निधि अभियान में हिस्सा लिया। अब आरएसएएस कार्यकर्ता इन भिखारियों से संपर्क कर इन्हें प्रभु श्री राम के महाउत्सव को मनाने का आमंत्रण दे रहे हैं।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस ने समर्पण निधि अभियान शुरू किया था। नवंबर 2020 में काशी में भिक्षाटन करने वाले कुछ लोग आरएसएस कार्यालय पर पहुंचे और अपने कुनबे को अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया। संघ पदाधिकारियों ने हिचक दिखाई तो भिक्षाटन करने वालों ने अपनी आस्था का हवाला दिया। इसके बाद भिखारियों के समूह के आग्रह पर आरएसएस के पदाधिकारी उनके आशियाने तक पहुंचे और वहां से राम मंदिर निर्माण के लिए दान स्वरूप मिली धनराशि को एकत्र किया। आरएसएस संगठन के लिहाज से प्रयागराज सहित काशी प्रांत के 27 जिलों के भिखारियों ने राम मंदिर निर्माण में दिल खोलकर दान दिया है।
हम तो सर्वस्व न्यौछावर करने को तैयार
काशी में भिक्षाटन करने वाले बैजनाथ ने बताया कि 30 वर्ष पहले बीमारी के चलते किसी काम के लायक नहीं बचा था। इसके बाद भिक्षाटन के सहारे जिंदगी चल रही है। राम मंदिर निर्माण की खबर आई तो लगा कि सर्वस्व न्यौछावर करना चाहिए। चर्चा में यह बात पता लगी कि आरएसएस हर घर से रामलला के लिए मंदिर के लिए सहयोग राशि एकत्र कर रही है। इसके बाद हम लोगों ने तय किया कि सब मिलकर आस्था के समुंदर में डुबकी लगाएंगे। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राणप्रतिष्ठा में भी जाऊंगा।
चार हजार से ज्यादा मोची, धोबी और सफाईकर्मी भी सहभागी
चार हजार से ज्यादा मोची, धोबी, सफाईकर्मियों ने भी भगवान राम के दरबार के लिए अपने मेहनत की कमाई का हिस्सा सौंपा है।
राम मंदिर के समर्पण निधि अभियान के दौरान भिक्षाटन करने वाले लोगों ने संपर्क किया और अपने आशियाने पर आकर सहयोग राशि प्राप्त करने का आग्रह किया। काशी प्रांत में 300 से ज्यादा भिक्षाटन करने वालों ने राम मंदिर निर्माण में धनराशि प्रदान की है।