अहमदाबाद। प्रधानमंत्री ने नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (एनबीडब्ल्यूएल) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वन्यजीवों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चर्चा की गई। देश के प्रधानमंत्री एनबीडब्ल्यूएल के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
इसके बाद पीएम मोदी ने सासण में कुछ महिला वन कर्मचारियों से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन यानी आज प्रधानमंत्री मोदी ने वन्य जीवों के मुद्दे पर अहम बैठक की अध्यक्षता भी की। इस बैठक से पहले उन्होंने गिर राष्ट्रीय उद्यान में जंगल सफारी का आनंद लेकर अपने दिन की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ (एनबीडब्ल्यूएल) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वन्यजीवों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि एशियाई शेरों की गणना इस वर्ष मई में की जाएगी। उन्होंने जूनागढ़ में वन्यजीवों के लिए ‘नेशनल रेफरल सेंटर’ की आधारशिला रखी।
एनबीडब्ल्यूएल में 47 सदस्य हैं, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल हैं। देश के प्रधानमंत्री एनबीडब्ल्यूएल के पदेन अध्यक्ष होते हैं। इसके बाद पीएम मोदी ने सासण में कुछ महिला वन कर्मचारियों से भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर सोमवार की सुबह गुजरात के जूनागढ़ जिले में गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, अन्य मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सफारी के दौरान मोदी के साथ थे। इसके बाद प्रधानमंत्री गिर वन्यजीव अभयारण्य के मुख्यालय सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे।
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर दी है। इन शेरों का एकमात्र निवास स्थान गुजरात है। वर्तमान में एशियाई शेर गुजरात के नौ जिलों के 53 तालुकाओं में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर में निवास करते हैं। इसके अलावा एक राष्ट्रीय परियोजना के तहत जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर वन्यजीवों के चिकित्सीय निदान एवं रोग से बचाव के लिए एक ‘राष्ट्रीय रेफरल केंद्र’ स्थापित किया जा रहा है। संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के लिए सासण में वन्यजीव निगरानी के लिए उच्च तकनीक से युक्त निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है।