पूर्वोत्तर। भारत में प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। मणिपुर में तैनात सुरक्षाबलों ने तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कांगपोकपी में छह एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई है।
मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में सुरक्षा बलों ने तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग अभियानों में कथित तौर पर जबरन वसूली में शामिल उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि प्रतिबंधित पीपुल्स रिवोल्यूशनरी फ्रंट ऑफ कांगलीपाक (पीआरईपीएके पीआरओ) संगठन से जुड़े दो उग्रवादियों को मंगलवार को नामदुलोंग खुमान लम्पक मेन स्टेडियम रोड पर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों की पहचान अशेम दिनेश मीतेई (41) और हुइड्रोम तोम्बा सिंह (36) के रूप में हुई है। दोनों पर नामदुलोंग क्षेत्र में जबरन वसूली की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। उनके पास से पीआरईपीएके (पीआरओ) का एक पर्चा और अन्य सामान भी बरामद किया गया है।
पुलिस ने इससे पहले मंगलवार को लांगोल गेम विलेज जोन 2 से प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) संगठन से जुड़े एक उग्रवादी को भी गिरफ्तार किया। इस उग्रवादी की पहचान थोंग्राम बिद्याशागर सिंह (22) के रूप में की गई। उसके पास से तीन हैंडहेल्ड रेडियो सेट, चार चार्जर, विभिन्न सैन्य वर्दी, बैग और अन्य सामान जब्त किए गए। सुरक्षा बलों ने लैंगोल गेम विलेज जोन 1 से 58 खाली गोले वाले दो प्लास्टिक टियर स्मोक बॉक्स भी जब्त किए।
कांगपोकपी में छह एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई, आठ साल में 20 हजार एकड़ पर कार्रवाई
इसके अलावा कांगपोकपी में भी गैरकानूनी कृत्यों पर शिकंजा कसा गया। कांगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों ने छह एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट कर दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह अभियान मंगलवार को न्यू कीथेलमनबी पुलिस स्टेशन क्षेत्र में चलाया गया। खोरीपोक और सेहजंग गांवों के बीच एक पहाड़ी श्रृंखला पर अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया। बता दें कि अफीम का उपयोग अत्यधिक नशीली और अवैध दवाओं के उत्पादन में होता है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर सरकार ने 2017 से 2025 के बीच कम से कम 12 जिलों में लगभग 20,000 एकड़ अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया है।