नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी मानव मिशन- गगनयान से पहले अच्छी खबर आई है। स्पेस में संपर्क के लिए इसरो ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की प्रणाली के साथ परीक्षण पूरा कर लिया है।
इसरो ने परीक्षण में मिली इस सफलता को गगनयान मिशन के लिए अहम बताया है।
इसरो ने कहा है कि मानव सहित अंतरिक्ष मिशन- गगनयान की सफलता के लिए उसने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी- ईएसए के साथ अहम परीक्षण पूरा किया है। इशको की तरफ से जारी बयान के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ग्राउंड स्टेशन के साथ गगनयान के ऑर्बिटल मॉड्यूल संचार प्रणालियों के नेटवर्क संचालन को सफलतापूर्वक सत्यापित कर लिया है। इसरो ने बताया कि परीक्षण के दौरान रेडियो फ्रीक्वेंसी संगतता परीक्षण (RFCT) की श्रृंखला आयोजित की गई।
इसरो ने बताया, परीक्षण और सत्यापन क्यों जरूरी?
मिशन गगनयान के तहत मानवों को अंतरिक्ष में भेजे जाने यह परीक्षण क्यों इतना अहम है? इस पहलू पर इसरो ने बताया कि ये परीक्षण गगनयान मिशन शुरू होने से पहले संपूर्ण संचार तैयारियों को जांचने और बाहरी ग्राउंड स्टेशनों के साथ इसरो का सिस्टम ठीक तरीके से काम कर रहा है या नहीं, यह सत्यापित करने के लिए जरूरी हैं। इसरो ने कहा, गगनयान मिशन के लिए बाहरी ग्राउंड स्टेशन के साथ ऑनबोर्ड टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड (TTC), डाटा हैंडलिंग, एकीकृत ऑडियो-वीडियो सिस्टम संचालन जैसे पहलू जरूरी हैं।
भारत और यूरोप के बीच सहयोग के कारण
यूरोप के साथ सहयोग के पहलू पर इसरो ने बताया कि इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गगनयान मिशन पर सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष के लिए यूरोप के प्रोबा-3 मिशन को लॉन्च किया था।
इसरो के मिशन गगनयान से जुड़ी कुछ अहम बातें - फोटो : अमर उजाला
मिशन से क्या हासिल करेगा भारत?
गगनयान मिशन सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है। वर्तमान में ऐसा मुकाम हासिल करने वाले देश केवल अमेरिका, रूस और चीन ही हैं।
कब होगी लॉन्चिंग?
इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ ने गत वर्ष एक बयान में कहा था कि गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्री 2025 में उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा था, 'चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद इसरो गगनयान मिशन को संभव बनाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए दिन-रात काम कर रहा है। अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना इस मिशन का बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। इसे संभव बनाने के लिए हमें बहुत सारी तकनीक विकसित करने की जरूरत है और हम इसे संभव बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में इसके लिए कई तकनीकों को नए सिरे से विकसित और सफल बनाया गया है।
गगनयान मिशन क्या है?
गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। यान को इसी साल लॉन्च करने की योजना है। पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन तीन दिवसीय है। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।