घायलों। की देखभाल के लिए आठ कमांडेंट की ड्यूटी लगाई गई है। विभिन्न बटालियनों से ये कमांडेंट क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) इंफाल में पहुंचकर तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी देंगे। बताया जाता है कि इस तरह का आदेश बल में पहली बार निकला गया है।
देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल, 'सीआरपीएफ' में गुरुवार को हुई हृदय विदारक घटना ने फोर्स को हिलाकर रख दिया है। मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल में सीआरपीएफ के शिविर में हवलदार संजय कुमार ने अपने साथियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। इस घटना में एक उप-निरीक्षक और एक सिपाही की मौत हो गई। बाद में हवलदार संजय ने खुद को भी गोली मार ली, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग में आठ अन्य जवान घायल हुए हैं।
अब इन घायलों की देखभाल के लिए आठ कमांडेंट की ड्यूटी लगाई गई है। विभिन्न बटालियनों से ये कमांडेंट क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) इंफाल में पहुंचकर तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी देंगे। बताया जाता है कि इस तरह का आदेश बल में पहली बार निकला है। इतना ही नहीं, आरआईएमएस में हर घायल जवान को एक एसआई के कंट्रोल में दो-दो अटेंडर प्रदान किए जाने का भी आदेश जारी किया गया है। बल के अटेंडर भी किसी एक बटालियन से नहीं आएंगे, बल्कि अलग-अलग बटालियनों से ये आरआईएमएस पहुंचेंगे।
घायलों की देखभाल के लिए आठ कमांडेंट की अस्पताल में तैनाती
यह आदेश शुक्रवार को जारी हुआ है। सभी कमांडेंट अलग अलग जगहों पर तैनात हैं। इन सभी अधिकारियों की अस्पताल में 3-3 घंटे की डयूटी लगाई गई है। ये कमांडेंट हर दो घंटे में सेक्टर हेडक्वार्टर को घायलों के स्वास्थ्य की रिपोर्ट देंगे। जैसे 109 बटालियन के कमांडेंट को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक अस्पताल में रहना होगा। उसके बाद 69 वीं बटालियन के कमांडेंट का नंबर आएगा। उन्हें तीन बजे से छह बजे तक अस्पताल में रहना है। इसी तरह 34 बटालियन 'डैट' के कमांडेंट को शाम छह बजे से रात नौ बजे तक अस्पताल में घायल जवानों के पास रहना है। बटालियन संख्या 86 के कमांडेंट को रात नौ बजे से रात 11 बजकर 59 मिनट तक अस्पताल में रहना होगा। इसके बाद 66 वीं बटालियन के कमांडेंट का नंबर आएगा। उन्हें 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 15 फरवरी की सुबह तीन बजे तक अस्पताल में ड्यूटी देनी है। बटालियन संख्या 109 के कमांडेंट को सुबह तीन बजे से छह बजे तक अस्पताल में रहना है। कमांडेंट डैट 69 बटालियन के कमांडेंट को सुबह छह बजे से नौ बजे तक जवानों के स्वास्थ्य पर नजर रखनी है। कमांडेंट 34 वीं बटालियन को नौ बजे से 12 बजे तक अस्पताल में रहना है।
एसआई के कंट्रोल में दो-दो अटेंडर प्रदान किए जाने का आदेश
हर घायल को एक एसआई के कंट्रोल में दो-दो अटेंडर प्रदान किए जाने का आदेश जारी किया गया है। ये अटेंडर 109 बटालियन, 69 बटालियन, 143 बटालियन और 86 बटालियन द्वारा मुहैया कराए जाएंगे। घायल इंस्पेक्टर जीडी सुरती लाल और एसआई जीडी यशवंत सिंह को 109 वीं बटालियन से अटेंडर मिलेंगे। घायल हवलदार जीडी ब्रजेश कुमार भारद्वाज और सिपाही संजीव कुमार को 69 वीं बटालियन से अटेंडर मिलेंगे। घायल हुए सिपाही डबलू कुमार पासवान और सपाकल मनोज सुभाष के लिए 143 वीं बटालियन से अटेंडर प्रदान किए जाएंगे। सिपाही लम्बोदर सोरेन और सिपाही रंजीत कुमार प्रमानिक को 86 वीं बटालियन से अटेंडर देने का आदेश जारी किया गया है।