मुंबई। महाराष्ट्र में गुलैन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के दो नए मामलों के सामने आने के बाद, अब तक कुल 207 संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं। शुक्रवार को दो नए मामलों के साथ, पुष्ट मामलों की संख्या 180 तक पहुंच गई है, जिनमें से 20 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, आधिकारिक मौतों की संख्या अभी भी आठ पर बनी हुई है। हालांकि, कोल्हापुर से इस बीमारी से एक संदिग्ध मौत की खबर आई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, चांगिड तहसील की 60 वर्षीय महिला की 13 फरवरी को मौत हो गई। उन्हें निचले अंगों में लकवा मार गया था और पहले चांगिड के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें कर्नाटक ले जाया गया और फिर 11 फरवरी को कोल्हापुर के अस्पताल लाया गया, जहां दो दिन बाद उनकी मौत हो गई।
जीबीएस एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, हाथ-पैरों में संवेदना की कमी और सांस लेने में समस्या होती है।
ठाणे में एक व्यक्ति ने की आत्महत्या
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक दुखद घटना में 55 वर्षीय बविंदरसिंह गुरुदेवसिंह थोमर ने कथित तौर पर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शनिवार को बताया कि थोमर दक्षिण अफ्रीका में कार्यरत था, लेकिन घरेलू समस्याओं के कारण उसे नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके अलावा, उसकी पत्नी की कैंसर से मृत्यु हो गई थी और वह अवसादग्रस्त था।
साथ ही घटना वाले दिन थोमर के भाई ने उसे फोन करके देखने की कोशिश की, लेकिन फ्लैट अंदर से बंद मिला। बाद में पड़ोसियों में से एक बालकनी से फ्लैट में घुसने में कामयाब रहा और उसने शव देखा। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
ठाणे जिले में ऑटोरिक्शा दुर्घटना में घायल महिला को 11.15 लाख रुपये का मुआवजा
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2014 में एक ऑटोरिक्शा दुर्घटना में घायल हुई महिला को 11.15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। न्यायाधिकरण के अध्यक्ष एस बी अग्रवाल ने यह आदेश शमीम इकबाल शेठ को दिया, जो इस दुर्घटना में आंशिक विकलांगता का शिकार हुई थीं। शमीम एक अस्पताल में प्रशासक के तौर पर काम करती थीं, लेकिन दुर्घटना के कारण उन्हें अपनी नौकरी खोनी पड़ी।
बता दें कि घटना 28 अक्टूबर, 2014 की है, जब शमीम ऑटोरिक्शा में यात्रा कर रही थीं और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान फ्लाईओवर के पास उनकी टक्कर एक कार से हो गई। ऑटोरिक्शा चालक ने तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण यह दुर्घटना की। इस हादसे में शमीम को गंभीर चोटें आईं, जिनका इलाज करवाने के लिए उन्हें तीन सर्जरी करवानी पड़ी। उनके बाएं निचले अंग में आंशिक विकलांगता हो गई, और इस कारण उन्हें अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट-सह-प्रशासक के रूप में अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, जहां वह प्रति माह 18,500 रुपये कमाती थीं।