नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 में अर्जित आय के लिए करीब छह करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके हैं। इनमें से 70 फीसदी नई कर व्यवस्था के तहत भरे गए हैं। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बजट बाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा, आशंकाएं जताई जा रही थीं कि लोग सरलीकृत नई कर व्यवस्था को अपनाएंगे या नहीं।
अब इसे लेकर कोई आशंका नहीं है।
उन्होंने कहा कि बजट में घोषित व्यापक आयकर समीक्षा के पीछे का विचार कर कानून को सरल बनाना है। हम एक मसौदा तैयार करेंगे और फिर सुझाव मांगेंगे। मल्होत्रा ने कहा, यह पूरा कदम सरलीकरण की दिशा में उठाया गया है। इसका अंतिम उद्देश्य कर अनुपालन बोझ को कम करना है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आईटीआर भरे गए थे। नई कर व्यवस्था में कर की दरें कम हैं, लेकिन छूट या कटौतियों के दावे का विकल्प नहीं है। पुरानी व्यवस्था में कर की दरें अधिक हैं।