भुवनेश्वर। क्या आपने कभी सुना है कि चोरों को नौकरी पर रखा जा रहा हो। चोरों को मासिक वेतन दिया जा रहा हो। नहीं न। लेकिन ऐसा एक मामला ओडिशा में सामने आया है। हालांकि, गिरोह अब पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। ओडिशा पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
भुवनेश्वर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह के आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह एक अंतरराजीय संगठन था, जो देश के अलग-अलग राज्यों में सक्रिय था। गिरोह मोबाइल चोरी करने के साथ-साथ खाते से पैसे भी उड़ा लेता था।
ऐसे करते थे चोरी
भुवनेश्वर पुलिस कमिश्नर प्रतीक सिंह ने बताया कि गिरोह बहुत ही पेशेवर तरीके से चोरी करता था। इसका नाम पहाड़ी गिरोह है। यह लोग पेशेवर चोरों को नौकरी पर रखते थे और उन्हें अपना कर्मचारी बना लेते थे। जिन्हें काम के आधार पर 10 हजार से 15 हजार रुपये तक वेतन दिया जाता था। गिरोह सबसे पहले अपने सदस्यों के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर कृत्रिम भीड़ बनाता था, जिस इलाके में इन्हें घटना को अंजाम देना था, वह देखने में ऐसा लगता कि मानों वह कितनी भीड़-भाड़ वाली जगह हो। लोगों को इस भीड़ पर शक भी नहीं होता था। इसके बाद इनके पेशेवर चोर भीड़ में घुल-मिल जाते थे और धीरे से लोगों के जेब और पर्स से फोन निकाल लिया करते थे। इसके बाद सभी चोर चुराए हुए मोबाइलों को अपने मुखिया को सौंप देते थे। गिरोह का सरगना अन्य सदस्यों के माध्यम से मोबाइल में पड़े सिम कार्ड का इस्तेमाल कर पीड़ितों के खाते से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करते थे।
शिकायत के बाद पुलिस के संज्ञान में आया मामला
सिंह ने आगे बताया कि पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक पीड़ित कैपिटल पुलिस थाने पहुंचा। यहां पीड़ित ने मोबाइल चोरी होने और खाते से पैसे निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित ने बताया कि किसी ने उसके खाते से ऑनलाइन ठगी करके 14 लाख रुपये निकाल लिए हैं। इस शिकायत के बाद पुलिस विभाग सतर्क हो गया। मामला संज्ञान में आते ही हमने गिरोह और इससे जुड़े सदस्यों पर नजर रखना शुरू किया।
आरोपियों तक पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण
भुवनेश्वर कमिश्नर का कहना है कि गिरोह का भंडाफोड़ करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम था। गिरोह के सदस्य हमेशा अपनी जगह बदलते रहते थे। गिरोह भारत के कई राज्यों में एक्टिव था। अकेले भुवनेश्वर में ही नौ मामले सामने आए। पुलिस विभाग ने गिरोह को पकड़ने में कड़ी मेहनत की। आखिरकार हम गिरोह तक पहुंचे और उनके पास से 22 मोबाइल फोन, 25 सिम कार्ड, 20 मेमोरी चिप्स और 1.3 लाख रुपये नकद जब्त किया। जांच के दौरान 20 लाख रुपये के अवैध लेनदेन का भी खुलासा हुआ। अभी गिरोह के आठ लोगों गिरफ्तार किया गया है। अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। छापेमारी की जा रही है।