अगरतला। बांग्लादेश सहायक उच्चायोग ने तीन दिसंबर 2024 को अपनी सेवाएं निलंबित कर दी थीं। बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के प्रथम सचिव मोहम्मद अल अमीन ने कहा कि अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग की सभी वीजा और वाणिज्य दूतावास सेवाएं पांच फरवरी से फिर से शुरू होंगी।
बांग्लादेश ने भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की पहल की है। बांग्लादेश आज से अगरतला उच्चायोग में एक बार फिर वीजा और कॉन्सुलर सेवाएं शुरू करेगा। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग ने यह एलान किया। बांग्लादेश सहायक उच्चायोग ने तीन दिसंबर 2024 को अपनी सेवाएं निलंबित कर दी थीं। यह निलंबन हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की ढाका में गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के एक समूह द्वारा उच्चायोग परिसर में घुसपैठ करने के एक दिन बाद किया गया था।
बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के प्रथम सचिव मोहम्मद अल अमीन ने कहा कि बांग्लादेश सहायक उच्चायोग की सभी वीजा और वाणिज्य दूतावास सेवाएं पांच फरवरी से फिर से शुरू होंगी। पिछले साल दिसंबर में उच्चायोग में तोड़फोड़ के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था। तब बांग्लादेश सरकार ने कहा था कि वह बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग के परिसर में हिंदू संघर्ष समिति के प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन और हमले पर गहरी नाराजगी जताती है तथा इस घटना पर तत्काल कार्रवाई और गहन जांच की मांग करती है।
चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हुई थी कार्रवाई
बांग्लादेश उच्चायोग ने अगरतला स्थित अपने मिशन में की सुरक्षा के उल्लंघन पर विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस घटना में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किरण कुमार ने बताया कि कथित लापरवाही के लिए तीन उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया और एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया। घटना को लेकर न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स (एनसीसी) पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया गया है।
वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ाई गई
एसपी ने बताया था कि घटना के बाद वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ा दी गई तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के जवानों को तैनात किया गया। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी घटना पर नाराजगी जाहिर की थी और कहा कि 'लोगों को शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी जा सकती है लेकिन इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।