नई दिल्ली । केंद्र सरकार बेटियों को गैर पारंपरिक नौकरियों में दक्ष करने के लिए खास प्रशिक्षण प्रदान करेगी। जल्द ही इसके लिए एक योजना शुरू की जाएगी। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के सचिव अनिल मलिक ने बताया कि पायलट योजना अगले दो से तीन हफ्ते में शुरू होगी। इसमें 14-18 साल की बेटियों को शामिल करने की योजना है।
मलिक ने कहा, हमने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत वर्तमान में देशभर के 27 जिलों और बाद में 218 जिलों की 14-18 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के प्रशिक्षण साझेदारों, जन शिक्षण संस्थानों तथा सरकारी संस्थानों के माध्यम से गैर-परंपरागत भूमिकाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य श्रम बल में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाना है। इसे बहुत जल्द सरकार के उच्चतम स्तर पर शुरू किया जाएगा। गैर-पारंपरिक नौकरियां आमतौर पर उन भूमिकाओं को कहते हैं, जिसमें किसी विशिष्ट लिंग, पुरुष या महिला, की भागीदारी 25 फीसदी से कम होती है।
ताकि पढ़ाई में न पड़े खलल
योजना के तहत बेटियों को उनके घर व स्कूल के पास ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे वे अपनी पढ़ाई साथ-साथ बरकरार रख सकेंगी। इसमें डिजिटल कौशल, डिजिटल मार्केटिंग और जनरल पर्सनाल्टी ओरिएंटेशन को शामिल किया जाएगा।
श्रम बल में अभी 37 फीसदी है महिला भागीदारी...श्रम ब्यूरो के अक्तूबर 2023 में जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के परिणामों के अनुसार महिलाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2017-18 में भागीदारी दर 23.3% थी और 2022-23 में यह 37% रही।