नई दिल्ली । राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन विद्यार्थियों की मौत के मामले में खुलासा हुआ है कि इस संस्थान ने ही ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था। दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट की रिपोर्ट में यह तथ्य भी सामने आया है कि संस्थान में सुरक्षा या बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी।
दिल्ली सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, कोचिंग संस्थान ने नाले को ऊपर से कवर कर दिया। संस्थान का पार्किंग स्थल सीधे सड़क से मिलता है और भारी बारिश की स्थिति में सड़क पर आने वाला पानी नाले में जाने के बजाय सीधा पार्किंग में जा सकता है। सुरक्षा स्टाफ भी नहीं था। अगर स्टाफ होता तो पानी भरने की स्थिति में सतर्कता रख सकता था और विद्यार्थियों की जान बच सकती थी। रिपोर्ट में एमसीडी पर भी सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इमारत के बाहर सड़क पर अतिक्रमण और अवैध रैंप के कारण बारिश का पानी नालों में नहीं जा पाया।
पुस्तकालयों ने दोगुनी की फीस
सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं ने दावा किया कि ओल्ड राजेंद्र नगर और आसपास के इलाकों में पुस्तकालयों ने अब फीस दोगुनी कर दी है। पहले जहां 2000 रुपये फीस थी, वहीं अब 4 से 5,000 रुपये प्रतिमाह फीस मांगी जा रही है।
दिल्ली सरकार, निगम आयुक्त को एनएचआरसी का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन विद्यार्थियों की मौत पर दिल्ली सरकार, पुलिस व दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को नोटिस जारी किया है। मामले का स्वत:संज्ञान लेते हुए आयोग ने इनसे दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है, जिसमें संस्थानों के खिलाफ लंबित शिकायतें और संबंधित विभागों की कार्रवाई का ब्योरा भी शामिल हो।
हाईकोर्ट में आज सुनवाई
मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ सुनवाई करेगी। कुटुंब नामक संगठन ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण को पक्ष बनाया गया है।