दिल्ली। पिछले दिनों दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे का मामला अब अदालत तक पहुंच गया है। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबकर हुई तीन छात्रों की मौत पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
साथ ही यह भी पूछा कि क्या इस मामले में एमसीडी के अधिकारियों की जांच हुई?
उधर इस दर्दनाक घटना के बाद छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र कोचिंग केंद्रों में अपनी पुख्ता सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। बीते दिनों कुछ कोचिंग संचालकों ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा।
आइये जानते हैं कि दिल्ली में कोचिंग केंद्र हादसे की क्या घटना है? घटना की वजह क्या है? हादसे के बाद कार्रवाई क्या हुई? छात्र प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? हादसे पर कोचिंग संचालकों का क्या कहना है? मामला अदालत तक कैसे पहुंचा और वहां क्या हुआ?
दिल्ली में कोचिंग केंद्र हादसे की क्या घटना है?
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में बीते शनिवार को एक बड़ा हादसा हुआ। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली राव एकेडेमी के बेसमेंट में पानी में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार की शाम अचानक हुई बारिश के कारण लाइब्रेरी में पानी भर गया था। मृतकों दो छात्र और एक छात्रा शामिल थे। तीनों यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। मृतकों की पहचान तेलंगाना निवासी तान्या सोनी, केरल निवासी नेविन डाल्विन और यूपी निवासी श्रेया यादव के रूप में हुई।
हादसे की वजह क्या है?
घटना के बाद सोमवार को दिल्ली के मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट को सौंपी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग संस्थान ने ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया था। साथ ही संस्थान में बचाव के कोई व्यवस्था नहीं थी। इस रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं।
एमसीडी की रिपोर्ट में कहा कि जिस प्रॉपर्टी में कोचिंग सेंटर चल रहा था, उसकी पार्किंग की ऊंचाई आसपास की प्रॉपर्टी के मुकाबले कम था। इलाके की अन्य इमारतों में भारी जलभराव की स्थिति में बारिश के पानी को पार्किंग एरिया और बेसमेंट में जाने से रोकने के लिए बैरियर वॉल लगाई गई थी। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कोचिंग सेंटर बिल्डिंग के सुरक्षा कर्मचारियों ने कोई निगरानी नहीं रखी, जिसके चलते पानी बिना रुके पार्किंग एरिया को पार कर बेसमेंट में घुस गया।
हादसे के बाद कार्रवाई क्या हुई?
घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने राव आईएएस स्टडी सर्किल के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह पर गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज किया गया। रविवार को दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
अगले दिन एक और कार्रवाई में दिल्ली पुलिस ने पांच और लोगों की गिरफ्तारी की। गिरफ्तार किए गए लोगों में बेसमेंट के चार सह-मालिक और एक राहगीर मनोज शामिल है। इसी राहगीर की गाड़ी को कोचिंग सेंटर के पास से गुजरते हुए देखा गया था। शनिवार को गाड़ी निकलने से उठी लहर से कोचिंग के बाहर लगा दरवाजा गिर गया और पानी सैलाब की तरह बेसमेंट में घुस गया। गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पांचों आरोपियों को सोमवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया था।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने घटना के संबंध में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को नोटिस भेजा था। नगर निगम को भेजे नोटिस में पुलिस ने क्षेत्र में जल निकासी व्यवस्था से संबंधित दस्तावेज मांगे तथा यह भी पूछा कि इसकी देखरेख के लिए कौन सा अधिकारी जिम्मेदार है। नोटिस में यह सवाल पूछा गया कि क्षेत्र में सफाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है और क्या यह कार्य ठेके के आधार पर दिया गया था।
घटना के बाद से बुलडोजर से कोचिंग सेंटर के पास से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसी बीच, नगर निगम की एक टीम ने बेसमेंट से संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की है। सरकारी वकील ने कोर्ट में जानकारी दी कि अधिकारी जांच कर रहे हैं। करीब 75 संस्थानों को नोटिस दिए जा चुके हैं। 35 को बंद किया गया है। 25 को सील कर किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और घटना की जांच के लिए कई टीमें गठित कर दी हैं। दिल्ली सरकार ने इस त्रासदी की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। दिल्ली पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन ने कहा है कि इस घटना में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
छात्र क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?
सैकड़ों छात्र तीन यूएसपीसी उम्मीदवारों की मौत के विरोध में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन का बुधवार को चौथा दिन था। यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों का आरोप है कि पूरे राजेंद्र नगर के ज्यादातर कोचिंग सेंटरों में बायोमेट्रिक डोर से एंट्री है। किसी भी हादसे के समय यह डोर बड़ी मुसीबत बन सकते हैं, राव आईएएस स्टडी सेंटर वाले हादसे में ऐसा ही हुआ।
स्टडी सेंटर में यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र मनीष कुमार का कहना है कि बायोमैट्रिक के विकल्प पर विचार किया जाना चाहिए। ज्यादातर इमारतों में बेसमेंट के अलावा ऊपर की मंजिलों पर जाने के लिए इसी तरह के दरवाजे लगे हुए हैं। इन इमारतों में एसी लगा होने की वजह से बालकनी की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में हादसे के समय छात्रों के फंसने की पूरी आशंका है।
छात्र पुनीत ने बताया कि एरिया की लगभग 80 फीसदी इमारतों में इसी तरह के इंतजाम हैं। इमारतों को लाइसेंस देने वाली सिविक एजेंसियों को इस ओर ध्यान देकर सभी इमारतों की जांच करनी चाहिए। कोचिंग सेंटर छात्रों से मोटी फीस लेकर उनकी मजबूरियों को फायदा उठाते हैं। चाहकर भी कोचिंग सेंटरों के खिलाफ शिकायत नहीं की जाती।
इस बीच, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने छात्रों के साथ बैठकर उनकी सभी मांगों को नोट किया और वे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने लाइब्रेरी फीस माफ करने और पुराने राजिंदर नगर, मुखर्जी नगर और लक्ष्मी नगर में कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करने सहित अतिरिक्त सिफारिशें भी कीं। उन्होंने कहा कि पुराने राजिंदर नगर में गुरुवार दोपहर तक एक शिकायत निवारण बोर्ड स्थापित किया जाएगा, जो पानी, बिजली या किसी अन्य समस्या से संबंधित छात्रों की सभी शिकायतों का समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों और अधिकारियों के एक पैनल को कोचिंग सेंटरों पर मसौदा कानून को अंतिम रूप देने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए नया कानून भी लेकर आ रही है। शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा कर दी है। आतिशी ने बताया कि जैसे प्राइवेट स्कूल को एक कानून के तहत रेगुलेट किया जाता है, प्राइवेट अस्पतालों को कानून के तहत रेगुलेट किया जाता है वैसे ही कोचिंग इंस्टिट्यूट को रेगुलेट करने के लिए दिल्ली सरकार कानून लाएगी।
हादसे पर कोचिंग संचालकों का क्या कहना है?
राव अकादमी ने बुधवार को उस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया। अकादमी ने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग कर रही है। अकादमी ने इस कठिन समय में परिवारों की निजता का सम्मान करने का आग्रह किया। हादसे के तीन दिन बाद दृष्टि द विजन के डायरेक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने सोशल मीडिया पर कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में हुई घटना पर अपना पक्ष रखा है। दिव्यकीर्ति ने कहा कि विद्यार्थियों का रोष न्यायसंगत है। अच्छा होगा कि सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिए निश्चित दिशा-निर्देश लागू करे। कीर्ति का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो समाधान मिल सकेगा। हादसे पर अन्य कोचिंग संचालकों की भी मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है।
मामला अदालत तक कैसे पहुंचा और वहां क्या हुआ?
बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबकर हुई तीन छात्रों की मौत पर अधिकारियों को फटकार लगाई। पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि एक अजीब जांच चल रही है, जिसमें कार चलाने वाले राहगीर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है, लेकिन एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अदालत ने पूछा कि क्या अब तक किसी एमसीडी अफसर को हिरासत में लिया गया है? साथ ही यह भी पूछा कि क्या इस मामले में एमसीडी के अधिकारियों की जांच हुई?