दिल्ली । दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना के तहत जल्द ही बसों का परिचालन शुरू होगा। दिल्ली परिवहन विभाग ने आवेग को फरवरी में लाइसेंस दिया था। अब उबर को लाइसेंस जारी किया गया है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जून में प्रीमियम बसें सड़कों पर दौड़ने लगेंगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अभी तक इस योजना के लिए कई प्रमुख कंपनियों ने रुचि दिखाई है और दस्तावेज जमा कराए हैं। इसमें से आवेग और उबर को लाइसेंस जारी किया गया है। फिलहाल अन्य कंपनियां भी परिवहन विभाग के संपर्क में हैं। जिन कंपनियों को लाइसेंस मिला है, उन्हें 25 बसों का पहला बेड़ा सड़क पर लाना है। बस के रूट और किराया ऑपरेटर खुद तय करेंगे और किराया डिजिटल माध्यम से लेना होगा। बसों के लिए सीट पहले ही बुक कर ली जाएगी। बसों में यात्री को सीट मिलने की गारंटी होगी। बसों में खड़े होकर यात्रा की अनुमति नहीं होगी। बसों में सुरक्षा के सभी इंतजाम करने होंगे और कुशल चालक रखने होंगे।
छह कैब कंपनियों को भी मिला लाइसेंस
दिल्ली सरकार की कैब एग्रीगेटर योजना में उबर, ओला समेत छह कंपनियों को अब तक लाइसेंस दिया जा चुका है। इस योजना का एक पोर्टल भी जल्द लांच किया जाएगा।
डीटीसी बसों से ज्यादा हो सकता है न्यूनतम किराया
डीटीसी की एसी बसों का अधिकतम किराया 25 रुपये है तो प्रीमियम बसों का न्यूनतम किराया 25 रुपये होगा। अधिकतम किराया कितना होगा, यह बाजार में मांग के हिसाब से तय होगा। अधिकारियों का कहना है कि एक निश्चित किराया होने के बाद उसे बाजार के हिसाब से तय करने की छूट दी जाएगी। हालांकि, न्यूनतम किराया डीटीसी बसों के अधिकतम किराये से कम नहीं होगा। किराये में बदलाव होने की स्थिति में बस ऑपरेटर को ऐप या वेब पोर्टल पर पहले से प्रदर्शित करना होगा। वहीं, अगर किसी आकस्मिक घटना के कारण बुकिंग रद्द करनी पड़ी तो किराया यात्री को तत्काल वापस करना होगा। इसके लिए बस की जगह कार की भी व्यवस्था की जा सकती है। ऐसा नहीं करने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
प्रीमियम बसों में सुविधा
जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे होंगे
खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी
यात्रियों की शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर देना होगा
रूट बदलने पर सात दिन पूर्व पोर्टल और वेबसाइट पर सूचित करना होग
किराये का भुगतान सिर्फ डिजिटल माध्यम से होगा