ग्रेटर नोएडा। दादरी के समाधिपुर गांव में रविवार दोपहर निर्माणाधीन मकान की छत गिरने से दो मासूम बच्चियों रीवा (5) और रिया (3) की मौत हो गई। जबकि पांच लोग घायल हो गए। जिम्स में भर्ती पांचों की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के वक्त पुराने मकान की दूसरी मंजिल पर गार्डर-पटिया की छत डालने का काम चल रहा था।
गार्डर-पटिया से बनी मकान की पुरानी छत नए निर्माण का वजन उठा नहीं सकी और भरभराकर गिर गई।
ग्रेटर नोएडा के समाधिपुर गांव में लाल सिंह का पुराना एक मंजिला था। मकान की छत गार्डर-पटिया की थी। मकान के ऊपर एक और मंजिल बनाने का निर्माण चल रहा था। दूसरी छत भी गार्डर-पटिया से ही बनाई जा रही थी। रविवार दोपहर करीब सवा दो बजे राजमिस्त्री मजदूरों के साथ दूसरी मंजिल की छत डालने का काम कर रहे थे। गार्डर डाल दिए गए थे और छत पर पटिया डालने का काम करना था। मजदूरों ने एक ही जगह पर अधिक सामान डाल दिया। वजन ज्यादा होने के कारण पुरानी छत की गार्डर पटिया टूट गई और दोनों छत भरभराकर नीचे गिर गई।
हादसे के वक्त लाल सिंह का बेटा पंकज, पोती रीवा और रिया मकान के अंदर थे। तीनों के अलावा छत पर काम कर रहे मजदूर राजवीर, विनोद, संजीव व हर्ष मलबे में दब गए। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालकर जिम्स ले जाया गया। जहां दोनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि अस्पताल में भर्ती पंकज, राजवीर, विनोद, संजीव और हर्ष ही हालत गंभीर बनी हुई हैं।
एक घंटे तक मलबे में दबी रहीं मासूम बच्चियां
समाधिपुर गांव निवासी लाल सिंह बेटे चेतन का सिकंदराबाद से रिश्ता पक्का होने पर बेटे-बहू के लिए पुराने मकान पर दूसरी मंजिल का निर्माण करा रहे थे। इसी दौरान वजन अधिक होने के कारण दूसरी मंजिल की छत गिरी। जिसके वजन से ही पहली मंजिल की छत ढह गई। मलबे में एक घंटे तक मासूम बच्चियां दबी रहीं। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दोनों मासूम बच्चियों को बाहर निकाला लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
बेटे का रिश्ता पक्का होने पर दूसरी मंजिल का करा रहे थे निर्माण
ग्रामीणों ने बताया कि लाल सिंह ने पांच साल पहले एक मंजिल का मकान बनवाया था। इसमें तीन कमरे थे। बजाय बजट कम होने के कारण पत्थर की पटियां डलवाईं गईं थीं। लाल के पांच बेटे हैं। दूसरे नंबर के बेटे चेतन का रिश्ता पक्का हो गया था। परिजन चेतन और उसकी पत्नी के रहने के लिए जगह की व्यवस्था करना चाहते थे। इसके चलते उन्होंने दूसरी मंजिल का निर्माण कराना शुरू किया था। निर्माण अंतिम चरण में छत पर गार्डर पटिया आदि डालने का काम चल रहा था। लंच के बाद दोपहर लगभग दो बजे राजमिस्त्री और मजदूरों ने काम ही शुरू किया था। इसी दौरान एक साइड अधिक वजन पड़ने के कारण दूसरी मंजिल की नई तैयार की जा रही छत गिर गई। जिसका मलबा पहली मंजिल पर आ गिरा। मलवे का वजन पहली मंजिल की छत बर्दाश्त नहीं कर पाई और नीचे आ गिरी। इससे कमरे में खेल रहीं दोनों मासूम बच्चियां रीवा और रिया मलबे में दब गईं। वहीं, छत पर मौजूद मजदूर आदि भी मलबे के साथ नीचे आ गिरे।
हादसे के बाद मदद को दौड़े ग्रामीण
हादसे के बाद चीख पुकार सुनकर ग्रामीण मदद के लिए दौड़ पड़े। मलबे में दबी बच्चियों की आवाज बंद हो गई। ग्रामीण मलबा हटाकर बच्चियों को निकालने के प्रयास में जुट गए। गांव से अजायबपुर पुलिस चौकी लगभग पांच किमी दूरी बताई गई है। पुलिस को मौके पर पहुंचने में लगभग आधा घंटा लग गया। बाद में पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दोनों बच्चियों और घायलों को मलबा हटाकर बाहर निकाला।
रीवा के जन्मदिन से पहले निर्माण पूरा करना चाहते थे
हादसे में जान गंवाने वाली मासूम रीवा का 19 जनवरी को जन्मदिन था। परिजन को रीवा का जन्मदिन दूसरी मंजिल के नए कमरे में मनाना चाहते थे। लेकिन दूसरी मंजिल के निर्माण के दौरान ही उसकी जान चली गई।
खत्म नहीं हो रहा हादसों का सिलसिला
15 सितंबर को ग्रेनो वेस्ट में लिफ्ट गिरने से नौ की मौत।
19 सितंबर को नोएडा के सेक्टर-21 में दीवार गिरने से चार मजदूरों की मौत, कई घायल
16 जुलाई को नोएडा के वाजिदपुर में दीवार गिरने से एक मासूम और तीन राहगीर की मौत