नई दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के भविष्य में चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है। उन्हें सक्रिय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है, भले ही वह उनके चुनाव प्रचार के बाद आक्रामक तरीके से जनता के सामने आईं।
केजरीवाल ने कई विषयों पर विस्तार से बात की, जिसमें जेल में रहने के दौरान हुए अपमान, उनके खिलाफ आरोप, उनका परिवार किस दौर से गुजर रहा है और 2024 के लोकसभा में इंडिया गठबंधन शामिल हैं। केजरीवाल ने कहा, 'मेरे जीवन के हर पड़ाव में सुनीता ने मेरा साथ दिया है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके जैसा साथी मिला। मेरे जैसे सनकी व्यक्ति को बर्दाश्त करना आसान नहीं है।
उन्होंने याद किया कि 2000 में उन्होंने दिल्ली की मलिन बस्तियों में काम करने के लिए आयकर आयुक्त के रूप में अपनी नौकरी से छुट्टी ली थी, और फिर सामाजिक कार्यों में पूरा समय समर्पित करने के लिए इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल ने कहा, 'उस समय मुझे इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा या कोई पार्टी बनाऊंगा, चुनाव लड़ूंगा। मुझे बस प्रेरित किया गया और 10 साल तक काम किया। फिर भी उन्होंने मेरा समर्थन किया। सोचिए कि तब उन पर क्या गुजरी होगी!'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नेकि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनीं तो वह न्यायपालिका को दबाव से मुक्त कर देंगे। केजरीवाल ने कहा कि इससे उन्हें पांच जून को जेल से रिहा कर दिया जाएगा, क्योंकि उनके खिलाफ सभी मामले झूठे दर्ज हैं। अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने अपनी चुनावी रैलियों में कहा था कि अगर इंडिया गठबंधन जीतता है तो चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के अगले दिन वह मुक्त हो जाएंगे।
पीटीआई वीडियो को दिए एक इंटरव्यू में केजरीवाल से पूछा गया कि वह ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं, जिसका अर्थ है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बावजूद इंडिया गठबंधन उन्हें मुक्त कराने के लिए अदालत का हाथ तोड़ देगा। केजरीवाल ने जमानत पर रिहा होने के बाद एक मीडिया हाउस को दिए अपने पहले साक्षात्कार में कहा, 'न्यायपालिका इस समय काफी दबाव में है। हर कोई जानता है कि वे अब कितने दबाव में काम कर रहे हैं।'
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब यह है कि इंडिया गठबंधन की संभावित भावी सरकार भी उन्हें रिहा करने के लिए अदालतों पर दबाव बनाएगी। केजरीवाल ने जवाब दिया, 'हम कोई दबाव नहीं डालेंगे, लेकिन अगर न्यायपालिका पर दबाव हटा दिया जाए तो न्याय मिलना शुरू हो जाएगा। 'मेरे खिलाफ सभी मामले फर्जी हैं। कहीं भी पैसे का कोई लेन-देन नहीं है। एक पैसे का भी पता नहीं चला है। अगर भ्रष्टाचार था तो पैसा कहां गया?'